27 सितम्बर के किसान संगठनों की ओर से बंद के समर्थन में एटक ने किया जनसभा
आसनसोल । केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ पिछले करीब एक साल से विभिन्न किसान संगठनो की तरफ से दिल्ली में आंदोलन किया जा रहा है । इसी के समर्थन में आगामी 27 सितम्बर को भारत बंद का आह्वान किया गया है। शुक्रवार को आसनसोल के बीएनआर मोड़ स्थित रवीन्द्र भवन के सामने सीपीआई के श्रमिक संगठन एटक की तरफ से एक सभा का आयोजन किया गया जहां वरिष्ठ एटक नेता आरसी सिंह, श्रीकुमार मुखर्जी, बीएस ओझा, गणेश सिंह, श्यामल चौधरी, तापस सिन्हा, मंजु बोस, कविता यादव, राजू राम, शैलेन्द्र सिंह, सिंचन बैनर्जी सहित एटक और सीएमएस से जुड़े तमाम नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस मौके पर आरसी सिंह ने केंद्र की जनविरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के समय वादा किया था कि हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरी दी जाएगी। लेकिन पूरे देश में युवाओं को कहीं भी रोजगार नहीं मिली। इससे नाराज होकर देश के युवा आज सड़क पर हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ साथ देश का किसान भी बेहाल है। किसानों को अपनी फसल को सरकार द्वारा निर्धारित मुल्य से कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है। उन्होंने नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी को देश की जनता की कोई फिक्र नहीं है। वह दिन मे कई बार सुट बदलते हैं। एक एक सुट की कीमत लाखों में होती है और वह खुद को चाय बेचने वाला बताते हैं। केंद्र सरकार द्वारा सरकारी संपत्ति को बेचने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि जब कोल इंडिया के खदानों को निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा तो सरकारी नौकरी कहां से मिलेगी। इतना ही नहीं उनका आरोप था कि निजी हाथों में जाने के बाद कर्मचारियों को 12 घंटे काम करना होगा। इससे एक शिफ्ट के श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे । इसके साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार के नये श्रम कोड को भी रद्द करने की मांग की। देश के किसान बीते एक साल से काला कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे है। आगामी 27 तारीख को उनके बंद को सफल करने के लिए यूनियन उनके साथ है। यूनियन के सभी समर्थक बंद के दिन सड़क पर उतर समर्थन करेंगे।