आगामी बजट में जीएसटी की समीक्षा पर जोर दिया कैट ने
आसनसोल । आगामी एक फरवरी को संसद में पेश होनेवाले अंतरिम बजट के संबंध में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से आग्रह किया है कि बजट में व्यापारी वर्ग को विशेष तवज्जो दी जाये और जीएसटी को सरलीकृत प्रणाली बनाने के लिए जीएसटी कानून की नये सिरे से समीक्षा की जाए। ऐसा कानून बनाया जाये जिससे आम व्यापारी भी सरलता से कानून की पालन कर सकें। वर्तमान में जीएसटी कर प्रणाली विभिन्न जटिलताओं से ग्रसित है, जिसको ठीक किया जाना बेहद आवश्यक है। जीएसटी का कर दायरा बढ़ेगा तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों को भी राजस्व में वृद्धि होगी। कैट ने सुझाव दिया है कि हर जिला स्तर पर अधिकारियों एवं व्यापारियों की जीएसटी कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जाये। ताकि जिला स्तर पर ही समस्याओं का समाधान हो और जीएसटी का कर दायरा ज़िला स्तर पर ही आपसी समन्वय से बढ़ाया जाये। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष अग्रवाला ने कहा कि व्यापारियों के लिए कंपनियों की तरह ही आय कर का विशेष स्लैब बनाया जाये। व्यापार पर लगे सभी कानूनों की समीक्षा हो तथा जो कानून पुराने हो गए हैं और अप्रासंगिक है, उन्हें समाप्त किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश – एक कानून का विजन घोषित किया है, इसमें व्यापारियों के लिए लाइसेंस भी जोड़ा जाये। व्यापार करने के लिए अनेक प्रकार के लाइसेंस लेने पड़ते हैं, उनके स्थान पर केवल एक लाइसेंस प्रणाली को घोषित किया जाए। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि अब बिना किसी और देरी के ई- कॉमर्स पालिसी और नियमों को घोषित किया जाए। नेशनल रिटेल ट्रेड पालिसी को भी तुरंत लागू किया जाये, जो लगभग तैयार है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को बैंकों से ऋण कम ब्याज दरों पर आसानी से उपलब्ध कराने की योजना घोषित हो। व्यापारियों को पेंशन देने की वर्तमान स्कीम को संशोधित कर दोबारा लागू किया जाते। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य की राजधानी में होलसेल कारोबार के लिए एक स्पेशल ट्रेड जोन भी बनाने की घोषणा हो। सरकार एक विंडो स्थापित करे जिससे सभी प्रकार की सरकारी प्रक्रिया एक ही सिंगल विंडो से पूरी की जा सके।