नवान्ना से ममता बनर्जी ने जिलों में आपदा से निपटने के लिए दिया निर्देश
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में निम्न दबाव बन गया है जिस वजह से बंगाल का बड़ा हिस्सा लगातार बारिश की मार झेल रहा है। कोलकाता शहर में पहले ही कई हिस्से जलमग्न हो चुके है। कई जिलों में तेज हवाएं भी चल रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवान्न में बैठक की। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के साथ बैठक कर सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है। बैठक में गृह सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव भी मौजूद थे। बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाने से मंगलवार की रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश के साथ मंगलवार से हवाएं भी चल रही है। मंगलवार को रातभर हुई बारिश के बाद बुधवार को भी बारिश से रिहाई नहीं मिली। कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, झारग्राम, दोनों मिदनापुर, दोनों बर्दवान और बीरभूम जिलों में बारिश जारी है। नतीजतन, बंगाल में कई जगहों पर फिर से बाढ़ आने का खतरा है। ऐसे में भवानीपुर में चुनाव से एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने बैठक की। बंगाल की खाड़ी में मौजूदा दबाव पूर्वी मिदनापुर के हल्दिया में केंद्रित है। पिछले 24 घंटों में अकेले हल्दिया में 216 मिमी बारिश हुई है। दीघा में भी भारी बारिश हो रही है। तटीय इलाकों में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। दीघा में किसी को भी समुद्र में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। यहां तक कि दीघा के अधिकांश होटल वस्तुतः पर्यटक-मुक्त हैं। केलेघई नदी पर बांध पिछले हफ्ते टूट गया, जिससे जिले के कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी। मंगलवार से हो रही बारिश से उन इलाकों में परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में भबानीपुर जंगीपुर-समशेरगंज में गुरुवार को चुनाव है। हालांकि चुनाव आयोग की चिंता मुख्य रूप से भबनीपुर चुनाव को लेकर है। चुनाव आयोग के प्रतिनिधियों ने केएमसी के साथ भबनीपुर केंद्र में जहां-जहां पानी जमा हुआ है, उन जगहों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया है। उन क्षेत्रों में पानी निकालने के लिए हमेशा पंपों की तैनाती होगी। आपदा प्रबंधन विभाग और नागरिक सुरक्षा विभाग भी दो नावों की व्यवस्था कर रहे हैं। पानी का स्तर तीन फीट से ऊपर जाने पर इन नावों का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही बचाव कार्य के लिए अलग परिवहन व्यवस्था रखी जा रही है। सीएससी को भी निर्देश दिया जा रहा है कि बिजली से जुड़ी कोई समस्या न हो। इसलिए बारिश में बिजली के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।