संदेश खाली में सिख आईपीएस ऑफिसर को खालिस्तानी कहने का सिख समाज जगह जगह पर किया विरोध
आसनसोल । बुधवार के दिन आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कोर्ट मोड दफ्तर पर आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी , सिख वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से संदेश खाली में पुलिस ऑफिसर आईपीएस जसप्रीत सिंह को अपनी ड्यूटी करने के दौरान भाजपा द्वारा खालिस्तान कहा जाने का विरोध किया। आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह, उप प्रधान सह संस्था के फाउंडर प्रधान सुरजीत सिंह मक्कड़ ने कहा कि जिस तरह से संदेश खाली में सिख आईपीएस ऑफिसर जसप्रीत सिंह को बीजेपी द्वारा ड्यूटी के दौरान उन्हें खालिस्तान कहा गया है, उसका हम लोग जबरदस्त विरोध करते हैं। बीजेपी को इसकी माफ़ी पुरे सिख समाज से मांगनी पड़ेगी, सिख कौम हर समय शांतिप्रिय ढंग से रहती है और पूरे विश्व की शांति की कामना अपने अरदास में करती है। लेकिन एक पगड़ी पहने हुए पुलिस ऑफिसर को इस तरह से सरेआम खालिस्तान कहा गया। इसकी हम लोग सख्त निंदा करते हैं। आसनसोल सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव तरसेम सिंह तथा सिख वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान हरजीत सिंह बग्गा ने कहा कि सिख समाज हर समय पूरे संसार के भला चाहती है, नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाने शरबत का भला अर्थात पूरी दुनिया का भला चाहती है। कभी भी जब दुनिया में आबता आई है कोरोना काल हो या फिर भूकंप पीड़ित या फिर कुछ अन्य घटनाएं सिख मानवता की सेवा करने के लिए आगे आए हैं और सिख की पगड़ी को इस तरह से देखकर राजनीतिक दलों द्वारा खालिस्तान कहा जा रहा है। इसका हम लोग तीव्र विरोध करते हैं। सिख वेलफेयर सोसाइटी के सचिव रणजीत सिंह दोल, गोबिंद नगर गुरुद्वारा खालसा सिख संगत के प्रधान सतनाम सिंह ने कहा कि इस मुद्दे को पार्लियामेंट में उठाना चाहिए। ताकि किसी भी सीख को कोई भी राजनीतिक दल हो या आम नागरिक हो खालितानी कहने की हिम्मत ना करें कि बीजेपी द्वारा खालिस्तानी कहने का इन सभी को माफी मांगनी होगी पूरे सिख समाज से। कार्यक्रम में सुरजीत सिंह मक्कड़, जगदीश सिंह, तरसेम सिंह , हरजीत सिंह बग्गा, रणजीत सिंह डोल, सोहन सिंह , सतनाम सिंह, सोहन सिंह , राजन सिंह बग्गा , सतपाल सिंह किर संतोख सिंह, सुखविंदर सिंह बिट्टा गुरदीप सिंह डांग , बिल्लू सिंह , बॉबी सिंह पाली सिंह, मंगा सिंह , मनदीप सिंह लाली, टिंकू कपूर, कर्मपाल सिंग जसपाल सिंह के अलावा अन्य सिख समाज के लोग उपस्थित थे।