तृणमूल उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा के दो साल कार्य पर छपी पुस्तिका पर भाजपा ने उठाई सवाल
आसनसोल । भाजपा के प्रदेश कमेटी सदस्य कृष्णेंदु मुखर्जी सोमवार आसनसोल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के लोकसभा पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन किया। इसमें उन्होंने आसनसोल के निवर्तमान सांसद और टीएमसी प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा द्वारा पिछले दो सालों में उन्होंने आसनसोल का सांसद रहते हुए क्या कार्य किए हैं उनके पुस्तिका पर कुछ सवाल उठाएं। उन्होंने कहा कि जब वह इस पुस्तिका को पढ़ रहे थे। तब एक जगह पर यह लिखा था कि संसद की मांग के अनुसार इस पर भाजपा नेता ने सवाल उठाया की पिछले दो सालों में शत्रुघ्न सिन्हा के लोकसभा में उठाए गए सवालों का रिकॉर्ड वह देख रहे थे। उन्होंने पिछले लगभग दो वर्षों में लोकसभा में एक भी सवाल नहीं किए है न ही उन्होंने लोकसभा में किसी बहस में हिस्सा लिया। लोकसभा में उनकी उपस्थिति दर भी बहुत कम है तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि उन्होंने जो अपनी पुस्तिका में लिखा है कि उनकी मांग के अनुसार तो यह मांग उन्होंने कहां रखी। इस पुस्तिका में एक जगह लिखा है कि उनके जरिए आसनसोल के 51 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए मदद राशि उपलब्ध कराई गई थी। रिकॉर्ड के अनुसार एक करोड़ 10 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई थी टीएमसी के प्रत्याशी ने ही जो आंकड़े दिए हैं उन्हें यह पता चलता है कि यह सहायता राशि समाज के हर एक वर्ग के इंसानों को उपलब्ध कराई गई है।
इसमें धर्म जात-पात का कोई भेदभाव नहीं किया गया है इससे टीएमसी की वह बात गलत साबित होती है जिसमें वह बार-बार भाजपा पर यह आरोप लगते हैं कि वह एक धर्म विशेष के खिलाफ है यह साबित हो गया कि प्रधानमंत्री बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए काम करते हैं। इस पुस्तिका में वर्णित एक और मुद्दे की तरफ कृष्णेंदू मुखर्जी ने ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इस पुस्तिका में लिखा है कि शत्रुघ्न सिन्हा हर महीने कम से कम 12 से 15 दिन आसनसोल में रहते हैं उन्होंने कहा कि उनको नहीं पता कि शत्रुघ्न सिन्हा कहां रहते हैं अगर किसी को यह पता है तो वह यह बताएं कि वह कहां रहते हैं अब पता चल रहा है कि वह एक होटल में रहते हैं और आजकल तो वह रात 8 बजे के बाद इफ्तार में भी हिस्सा ले रहे हैं। एक और मुद्दे पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा जो पुस्तिका प्रकाशित की गई है उसके आखिरी पन्ने पर लिखा है कि साहब आसनसोल में 12 से 15 दिन रहते हैं भाजपा नेता ने यह सवाल उठाया की वह किसके साहब हैं। क्या वह खुद को आसनसोल के लोगों का साहब मानते हैं। उनको जहां तक पता है कि जो जन प्रतिनिधि हैं वह लोगों की सेवा करने के लिए होते हैं न कि खुद को लोगों का साहब कहलाने के लिए। उन्होंने साफ कहा कि आसनसोल के लोग अपने लिए साहब नहीं चाहते एक ऐसा सांसद चाहते हैं जो आसनसोल के लोगों की परेशानियों को संसद तक पहुंचा सके।