आसनसोल । एसएस अहलूवालिया जमीन से जुड़े हुए शिक्षित एवं राजनीतिज्ञ के अनुभवी सदस्य हैं। इनसे हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पुराने जितने भी कल कारखाने बंद पड़े हैं। उन्हें ये पुनः चालू करने का प्रयास भविष्य में करेंगे। लंबे काल से अंडाल से लेकर बराकर, झारखंड सभी वर्गों में इनका व्यक्तिगत परिचय है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। आसनसोल क्षेत्र के लिए एवं यह हमारा दायित्व भी है जो अवसर हमें इनके उम्मीदवार होने से मिला है, उन्हें सार्थक बनाकर आसनसोल का भविष्य एवं आने वाली पीढ़ियों का भविष्य एक अच्छी नीव की ओर अग्रसर करें। उक्त बातें आसनसोल के सुरेन जालान ने कही। उन्होंने कहा कि उन्हें उर्दू भाषा का भी अच्छा ज्ञान है। ये नूरुददीन साहब के जमाने में आसनसोल के जाने माने टेक्निकल भी रह चुके है। ये कल कारखाने के टेक्निकल समस्याओं को देखकर ही अपने तर्क पर उन्हें ठीक करने की क्षमता रखते थे। नूरूददीन साहब का भी बहुत बड़ा व्यक्तिगत तौर पर इन्हें सहयोग मिला। हमारा कर्तव्य है इस अनुभव द्वारा वे आसनसोल क्षेत्र को लाभान्वित करेंगे। व्यक्तिगत एवं किसी भी प्रकार की राजनीतिकरण छोड़े। आसनसोल के पूर्व बर्दवान जिले का पूरे एशिया में नाम था। आज वह दो भागों में बंटा हुआ है। आसनसोल जो किसी जमाने में औद्योगिक क्षेत्र था। पूर्व बर्दवान कृषि प्रधान है किंतु हमारे आसनसोल का दुर्भाग्य है कि यहां के बड़े कल कारखाने राजनीतिक कारणों से बंद हो गए। पूर्व बर्दवान जब था तो लोग कहते थे हम किसान भी है और हम लोहार भी है।
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