शिल्पांचल के सबसे विख्यात कल्ला प्रभु छठ घाट सजधज कर तैयार, संध्या अर्घ्य रविवार, उगते सूर्य को अर्घ्य सोमवार
आसनसोल । हिंदू पचांग के पहले माह चैत्र में नवरात्रि के साथ ही चैती छठ का महापर्व भी आता है। इस दौरान छठी माता और सूर्य देव की पूजा का विधान है। मान्यताओं के अनुसार चैती छठ के दौरान व्रत रखने से छठी माता की कृपा से संतान की आयु लंबी होती है, वहीं सूर्य देव के आशीर्वाद से जीवन में ऊर्जा और सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि चैती छठ की शुरुआत कब से हो रही है और किस दिन इसका समापन होगा।
चैती छठ 2024 तिथि चैत्र मास में आने वाले चैती छठ पर्व की शुरुआत 12 अप्रैल 2024 को नहाय खास के साथ होगी और 15 अप्रैल को सूर्य अर्घ्य के साथ इसका समापन होगा।
नहाय खाय- चैती छठ का पहला दिन (12 अप्रैल 2024)
खरना- चैती छठ का दूसरा दिन (13 अप्रैल 2024)
संध्या अर्घ्य- चैती छठ का तीसरा दिन (14 अप्रैल 2024)
उगते सूर्य को अर्घ्य- चैती छठ अंतिम दिन (15 अप्रैल 2024)
चैती छठ की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान आदि के बाद नए वस्त्र पहनती हैं और साथ ही सात्विक भोजन करती हैं। चैती छठ के दूसरे दिन खरना होता है, इसी दिन से व्रत की शुरुआत होती है जो 36 घंटों तक चलता है। इस दिन दूध-गुड़ वाली खीर और रोटी प्रसाद स्वरूप बनाई जाती है। खास बात है कि इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर ही बनाया जाता है। इसके बाद महिलाएं स्नान आदि के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य देती हैं। अंतिम दिन उगते सूर्य को जल का अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन हो जाता है।
शिल्पांचल के कल्ला प्रभु छठ घाट पर व्रतियों की सेवा की तैयारी पूरी – आस्था का महापर्व चैती चैती छठ या छठ का जब बात आती है, शिल्पांचल के लोग एक बार जरूर कल्ला छठ घाट को याद करते है। इसका मुख्य कारण बीते 46 वर्षो से यहां ली क्लब की ओर से छठ घाट की जो मनोरम दृश्य बनाया जाता है। शायद ही कही और देखने को मिलता है। इस वर्ष भी कल्ला प्रभु छठ घाट पर पूरी तैयारी हो गई है। लाइटिंग, साफ-सफाई, पूरी हो गई है। छठ व्रतियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो उसके लिए ली क्लब के सदस्य हर जगह पर तैनात रहेंगे। व्रतियों के लिए पूजन सामग्री सहित दूध, दातून एवं अन्य सामग्री भी घाट से क्लब की ओर से दी जाती है। ली क्लब के सचिव सह विशिष्ट समाजसेवी, व्यवसायी कृष्णा प्रसाद का पूरा सहयोग रहता है।