बारिश आ रही है! कब और कहाँ? चक्रवात रिमल पर बड़ा अपडेट!
कोलकाता । आज लगभग सभी उत्तरी जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। रविवार से हवाएं बदलकर दक्षिणी हो जाएंगी। सोमवार को पूरे प्रदेश में आंधी-तूफान आने की संभावना है। कुछ जगहों पर बारिश के साथ 40 किमी की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।
पांचवें दौर का मतदान
मतदान का दिन 20 सोमवार, पूरे राज्य में बारिश। तापमान गिरेगा। कोलकाता समेत पूरे राज्य में बारिश। ठंडी हवा चलेगी। कुछ जिलों में तेज़ हवाओं की रफ़्तार 40 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। खुशनुमा माहौल में मतदान करें। बीच-बीच में बारिश से कुछ व्यवधान आएगा। लेकिन यह किसी आपदा की तरह नहीं दिखेगा। मंगलवार 21 तारीख को उत्तर में बारिश कम हो जाएगी। दक्षिण के सभी जिलों में बारिश बढ़ेगी। आज शनिवार को पुरुलिया, बांकुड़ा, बर्दवान, मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिलों में तेज हवाओं और गरज के साथ छिटपुट हल्की मध्यम बारिश हुई। गंगा के तटवर्ती दक्षिण बंगाल के बाकी हिस्सों समेत उत्तरी मैदानी इलाकों के तीन जिलों में पसीने से तरबतर गर्म मौसम। खासकर मालदा, दिनाजपुर और कूचबिहार में बेचैनी बढ़ेगी। आज 18 तारीख को उत्तर का दिनाजपुर लू से प्रभावित रहेगा। दक्षिण बांकुरा और पश्चिम बर्दवान में गर्मी का प्रकोप। कल 19 तारीख को दो 24 परगना और दो मेदिनीपुर में बारिश और तेज़ हवा का पूर्वानुमान है। नॉर्थ हिल डिस्ट्रिक्ट में 19 तारीख को बारिश का अनुमान, 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।
कलकत्ता
दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी। आज आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे लेकिन बारिश की संभावना न के बराबर है। जैसे-जैसे दिन चढ़ेगा, बेचैनी और पसीने की मात्रा बढ़ती जाएगी। लेकिन तापमान ज्यादा नहीं बढ़ेगा। कोलकाता में तापमान कल के 36.9 से बढ़कर 38.1 डिग्री हो गया। सामान्य से 2.3 डिग्री अधिक। तापमान पिछली रात के 29.2 से थोड़ा बढ़कर 29.5 डिग्री पर पहुंच गया। जो सामान्य से 2.8 डिग्री अधिक है। वायु में 88 से 43 प्रतिशत जलवाष्प होती है। कल सुबह से कोलकाता के आसमान में बादल बढ़ जायेंगे। लेकिन कल बारिश की संभावना कम है। सोमवार और मंगलवार को कोलकाता में गरज के साथ 30 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।
रिमेल
23 तारीख को पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। समुद्र की सतह काफी गर्म होगी। ऊपर से 19 तारीख को मॉनसून अंडमान सागर तक पहुंच जाएगा। इसलिए यह कम दबाव वाली रिंग धीरे-धीरे अपनी ताकत बढ़ाएगी। सबसे पहले स्पष्ट अवसाद। फिर एक गहरा अवसाद। यह प्रणाली बाद में बहुत गहरे अवसाद में विकसित हो सकती है। उसके बाद यह समुद्र तल पर कितनी देर तक रहता है और किस दिशा में आगे बढ़ता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह अधिक ताकत हासिल करता है और चक्रवात बनता है। अगर यह चक्रवात बनता है तो इसका नाम रिममेल होगा। दिल्ली का मौसम भवन इस व्यवस्था पर कड़ी नजर रख रहा है। समय आने पर वे इसकी बिजली बचत या बिजली वृद्धि पर अपडेट देंगे।