बेटे धीरज के लिए बुजुर्ग पिता देख रहे हैं आस, आसनसोल का धीरज लापता
आसनसोल । बुजुर्ग पिता के लाठी का सहारा उसका बेटा कहां है। अब तक कोई सुराग नही मिल पाई है ? मुम्बई से आसनसोल आने के लिए 30 जून 2024 को गीतांजली एक्सप्रेस ट्रेन से निकला, लेकिन अब तक घर नही पहुंचा धीरज। आसनसोल दक्षिण थाना ने नहीं ली शिकायत, बाद मे कमिश्नर कार्यालय में की गई शिकायत। शिकायत के कुछ दिन बाद भी पंजीकृत नहीं किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर और बुजुर्ग पिता, कमजोर होते नजरों और झुर्रियों से राह तकती मां के जुबान पर एक ही सवाल है कि मेरा धीरज कहां है? आसनसोल दक्षिण थाना क्षेत्र के नूतन पाड़ा निवासी देवेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने बताया कि उसका बेटा 30 जून, 2024 को मुंबई से आसनसोल आने के लिए निकला था। उसने आने से पहले अपने पिता को बताया था कि वह गीताजंली एक्सप्रेस से साधारण टिकट लेकर आ रहा है। लेकिन वह आज तक घर नहीं लौटा है। उसका मोबाइल एक रेलवे कर्मचारी को जलगांव में रेलवे ट्रैक पर मिला है। उनका बेटा एक बेहतर जीवन की तलाश में अपनी पत्नी संतोषी बर्णवाल के साथ छह महीने पहले मुंबई चला गया था। पीड़ित पिता ने बताया कि यथासंभव मैंने हर जगह खोजबीन और पूछताछ कर ली लेकिन छोटे बेटे धीरज का कोई पता नहीं चल पाया है। स्थानीय थाना शिकायत लेने को तैयार नहीं है। कमिश्नर कार्यालय में आवेदन दिया है। वहां से सिर्फ आवेदन की रिसिविंग मिली है। लेकिन अभी तक आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही अब तक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज हुई है। दर दर की ठोकर खाने को मजबूर पिता आज भी अपने बेटे को पाने की आस में हैं।