2024-25 का बजट कुछ के लिए बहुत कुछ और कुछ के लिए कुछ भी नहीं
आसनसोल । यह बजट 2024-25 का एम.एस.एम.ई एवं स्किल्ड काम करने वालों का बजट है। पूरे भारतवर्ष में जनसंख्या के अनुरूप 80% स्किल्ड कामगर हमारे अल्पसंख्यक भाई है। जिन्हें पूरे भारतवर्ष में जुगाड़ के नाम से जाना जाता है एवं लोकप्रिय भी हैं। उक्त बाते आसनसोल के व्यवसायी सुरेन जालान ने कही। उन्होंने कहा कि खासतौर से राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब एवं हरियाणा राज्यों में यह अधिक प्रसिद्ध है।आमतौर पर इन्हें स्किल्ड कारीगर ही कहा जाता है। जब कभी भी हमारे अल्पसंख्यक भाई अपने त्योहार पर दो-चार दिनों की छुट्टी पर जाते है हैं तो इससे पूरा व्यापारिक वर्ग एवं इंडस्ट्रीज वर्ग प्रभावित होता है। इस बार के बजट में इन्हें अधिक बढ़ावा दिया गया है।जिससे यह सार्वजनिक होता है कि एनडीए सरकार सबका साथ सबका विकास करना चाहती है। मगर दुःख की बात है कि कुछ विपक्ष सदैव से इनका अपने वोट बैंक के लिए दुरूपयोग करता आया है। कुछ विपक्ष द्वारा सदैव से देश के विकास में साथ न देकर देशहित में रोड़ा उत्पन्न कर संसद को चलने नहीं देते। इस बजट में सबसे बड़ा दुःख व्यापारिक वर्ग को हुआ है, जिन्हें निराशा का मुंह देखना पड़ा। इनके लिए सरकार ने कोई भी ऐसी घोषणा नहीं की है, जिससे इन्हें राहत मिले। किसी भी व्यापारी का व्यापार साधारणतः सदैव एक जैसा नहीं चलता। कभी दुकानदार व्यापारियों को प्राकृतिक मार झेलनी पड़ती है। आग जैसी घटना होना, दुकानों में पानी भर जाना, बेईमान लोगों द्वारा जमा पूंजी हड़प लेना, क्वालिटी डिजाइन का बदलना, नयी टेक्नोलॉजी आने पर पुरानी टेक्नोलॉजी के रॉ मैटेरियल्स का डेड हो जाना एवं कानूनी कार्रवाई पर समय रहते हुए विचार न होना। कई तरह के समस्याओं से व्यापारी वर्ग को गुजरना पड़ता है। जबकि यह व्यापारी वर्ग पूरे देश में जितने भी प्रकार के कर हैं, उन सब का केवल करदाता ही बना रहता है। चाहे वह कर उचित हो या अनुचित हो। सरकार केवल अपना अधिकार समझती है दायित्व नहीं समझती। अतः मैं वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगा एक पहल हमारे व्यापारी एवं पारिवारिक वर्ग के जीवन के लिए भी कुछ करें। कम से कम व्यापारी के लेनदेन में बेईमान लोगों के खिलाफ कानूनी प्रतिक्रिया एवं सख्त से सख्त कारवाई कर उसका निपटारा भी हो।
नोट:-जो भी व्यापारी वर्ग एवं उनका परिवार देश के करदाता यजमान है, तो ब्राह्मण रूपी सरकार का यह दायित्व है कि अपने यजमानों की सुमंगल जीवन- यापन एवं आपदा विपदा में उनके लिए मंगल कामना की सुव्यवस्था करना । अधिकार के साथ कर्तव्य का गहरा संबंध है,चाहे वह सत्ताधारी हो या विपक्ष धारी हो।