आसनसोल के बर्नपुर में श्राद्ध पक्ष के दिन एक ही दिन में होती है यहां दुर्गा पूजा, 51 साल से हो रहा अनोखा पूजन
एक घंटे में होती है यहां दुर्गा पूजा
श्राद्ध पक्ष के समापन पर होती है यह पूजा
बर्नपुर । आम तौर पर नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा नौ दिन की जाती है लेकिन पश्चिम बंगाल के आसनसोल के बर्नपुर में एक दिन में ही दुर्गा पूजा संपन्न होती है। यहां षष्ठी से लेकर दशमी तक की पूजा एक घंटे में होती है। बीते 51 वर्षों से इस अनोखी दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष महालया के दिन यानि की श्राद्ध पक्ष के समापन पर यह पूजा आयोजित होती है। बर्नपुर में कालाझरिया के धेनुआ गांव में स्थित काली कृष्ण योगाश्रम है। जहां एक दिवसीय अनोखी दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दुर्गा पूजा को महामाया दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह की अनोखी एक दिवसीय दुर्गा पूजा एक मात्र असम और दूसरी यहां आयोजित की जाती है। महालया के दिन पूजा एक घंटा में ही षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी के समस्त मंत्रोच्चारण को पूजा की जाती है। श्राद्ध पक्ष के समापन पर दुर्गा पूजा
स्थानीय लोग बताते हैं कि वर्ष 1973 से धेनुआ गांव के काली कृष्ण योगाश्रम में यह पूजा होती है, जिसकी शुरुआत सत्यानंद ब्रह्मचारी ने की थी। हालांकि पहले वर्ष के आयोजन के बाद तीन साल पूजा बंद थी। वर्ष 1977 में असम से आए तेजानंद ब्रह्मचारी द्वारा अनोखी दुर्गा पूजा की फिर से शुरुआत की गई। वर्ष 2003 में उनके निधन के बाद आश्रम में गौरी केदारनाथ मंदिर कमेटी के तत्वावधान में पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यहां मां दुर्गा के कुंवारी रूप की पूजा जाती है। पूजा में जया और विजया दो सखी की प्रतिमा को रखकर विधिवत रूप से दुर्गा पूजा की जाती है।