मां से बड़ा दुनिया में कोई नहीं होता है – स्वामी आत्म प्रकाश जी महाराज
आसनसोल । जीटी रोड स्थित बड़ा पोस्ट ऑफिस के पास स्थित महाबीर स्थान मंदिर परिसर में मुख्य यजमान अरुण साव एवं समस्त साव परिवार और आसनसोल महाबीर स्थान सेवा समिति के सहयोग से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन स्वामी आत्मप्रकाश जी महाराज ने रासलीला, कृष्णा लीला, दामोदर कथा, चीर हरण, सुदामा चरित्र पर कथा सुनाए। गुरुजी ने कहा भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा, उज्जैन के गुरु संदीपनी आश्रम में पढ़ते थे। आश्रम में श्रीकृष्ण के बहुत मित्र थे मगर सुदामा और कृष्ण दोनों एक दूसरे के प्रेमी हो गए। कृष्ण और सुदामा प्रत्येक दिन जंगल में लकड़ी काटने एक साथ जाते थे। गुरु मां दोनों के लिए दो मुठ्ठी चना खाने के लिए देती थी। आश्रम में एक दिन ऐसा हुआ सभी लोग खाना खा लिए। उसके बाद दुर्वासा ऋषि आश्रम में पहुंच गए। आश्रम में गुरु माता से कहे मुझे जोड़ से भूख लगी है। जो कुछ है उसे खाने के लिए दो। गुरु माता ने कही की घर में कुछ भी खाने को नहीं है। ऋषि महात्मा आप नदी में स्नान करके आइए। तबतक हम खाना बनाती हूं। दुर्वासा ऋषि ने कहा कि खाना बनाने की जरूरत नहीं है घर में जो कुछ है। वही दे दो गुरु माता। असल में मां का स्वभाव ही ऐसा होता है। अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं देख सकती। दो मुठ्ठी चना है। वह कृष्ण और सुदामा के लिए रखी थी। दुर्वासा ऋषि ने कहा गुरु माता आप रहने दीजिए। दूसरे जगह से मांग लेता हु। तुम्हारे यहां फिर कभी दूसरे दिन मांग लूंगा। उसके बाद दुर्वासा ऋषि ने बाहर जाकर ध्यान लगाए। उन्होंने देखा की गुरु माता दो मुठ्ठी चना छुपाकर रखी है। तब गुस्सा में आकर ऋषि ने श्राप दिया कि वह चना जो खायेगा, वह जिंदगी भर दरिद्र रहेगा। यह बात सुदामा ने सुन लिया। दूसरे दिन जब दोनों लकड़ी काटने जंगल गए। सुदामा ने सोचा कृष्ण बड़े घर का लड़का है। उसे दरिद्र बनने वे नहीं देख सकते। सुदामा ने दोनों मुठ्ठी चना खा लिया। कृष्ण को दरिद्र बनने नहीं दिया। स्वामी आत्म प्रकाश जी महाराज ने कथा के माध्यम से यह बोलना चाह रहे की मां से बड़ा दुनिया में कोई नहीं होता है। कृष्ण और सुदामा जैसे मित्र बनाना चाहिए। मौके पर आसनसोल महाबीर स्थान सेवा समिति के सचिव अरुण शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि आपलोगों के आने से भागवत सफल हुआ। महाबीर मंदिर बनाने में पहले जिस प्रकार से आप लोगों ने सहयोग किया है। स्वामी आत्मप्रकाश जी महाराज के आशीर्वाद से मंदिर और भव्य बनाने जा रहा है। यथा संभव आपलोग सहयोग करे। वहीं जो सामने पिलर है। उस पिलर को हटाने के लिए विनोद गुप्ता से आश्वासन दिया कि अगले साल तक पिलर हट जाएगा। भागवत कथा के यजमान सह उनका पूरा परिवार इतना नहीं सोचा था कि भव्य रूप से कथा सफल होगा। यजमान अरुण साव ने कहा कि वे सोचे नहीं थे कि लोग उनसे इतना प्यार करते है। खुशी के आंसू निकल पड़े। मौके पर आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, अरुण शर्मा, अरुण साव, गोवर्धन जालान, नरेश अग्रवाल, रतन दिवान, विनोद गुप्ता , सियाराम अग्रवाल, सुनील जालान, मनोज जालान, दिलीप मस्कारा, डॉ. जेके सिंह, अनिर्वाण चटर्जी, बीबी सिंह, प्रेमचंद्र केशरी, कविता केडिया, मीना केडिया, मंजू अग्रवाल, कविता अग्रवाल, अंजना बर्नवाल, अनिता सानतोरिया, अर्चना मावंडिया, मंजू शर्मा, विमला गुप्ता, सरोज गाडिया, सुनीता लडसारिया, आशा गोयल, दीपाली साव, अशोक साव, राजेश साव, शोभा देवी, ऊषा देवी, मीना साव, लीना साव, कैलाश साव, कृष्णा देवी, रीता देवी, सरिता देवी, मधु साव, दिव्या साव, पुष्पा देवी, ऊषा देवी, अतुल आनंद साव, आशा देवी, अनिता देवी, ज्योति साव, किरण देवी, देवंती देवी, अनिता देवी और टुल्लू साव, बासुदेव शर्मा, मुकेश पहचान, मनीष भगत, अभिषेक वर्मन, अक्षय शर्मा, रौनक जालान सहित अन्य उपस्थित थे।