लोकतंत्र के नाम पर राजतंत्र का खेल खेला जा रहा है – सुरेन जालान
*परजीवी पर स्पष्टीकरण*
आसनसोल । धारा 370 हटने के पहले पूरी की पूरी कश्मीर घाटी के लोग पाकिस्तान उग्रवादियों के फंडिंग पर परजीवी बनकर पर जी रहे थे एवं देशद्रोही का काम कर रहे थे। आज वही परजीवी देश की मुख्य धारा से जुड़कर जम्मू घाटी का विकास कर रहे हैं। उक्त बाते आसनसोल के विशिष्ट व्यवसायी सुरेन जालान ने कही। उन्होंने बताया कि बीते 09/02/2025 साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में एक व्यक्तिगत साक्षात्कार में श्रीनगर लाल चौक के रहने वाले एक व्यवसायी ने उन्हें कहा कि पूरी घाटी परजीवी बनी हुई थी। उग्रवाद करने के लिए। आज वही घाटी पूर्ण रूप से आत्मजीवी एवं श्रमजीवी बने हुए हैं। कश्मीर घाटी में तो यह बदलाव देखने को मिल रहा है, विकास के रूप में, भाईचारे के रूप में, उन्होंने मुझे श्रीनगर में आने का निमंत्रण भी दिया है। मगर बड़े दुःख की बात है पूरी की पूरी कश्मीर घाटी को छोड़कर सभी सरकारे अधिकतर जनता को परजीवी बनाने में लगे हुए हैं, कहीं जातिवाद के नाम पर, कहीं लाडली बहना के नाम पर कहीं लक्खी भंडार के नाम पर एवं कई मुफ्त योजनाएं देकर देश की जनता को एवं पूरे देश को उग्रवाद की ओर धकेल रहे हैं। लोकतंत्र के नाम पर राजतंत्र का खेल खेला जा रहा है। यह हमारे सुप्रीम कोर्ट ने भी राय दी है *परजीवी न बनाएं* यह राष्ट्र के लिए क्षति है एवं करदाताओं के लिए सबसे बड़ी गाली है। मुफ्त की रेवड़ी। पहले राजा महाराजाओं द्वारा लगाम लगाया जाता था। राज करने के लिए। आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी लगाम लगाकर एवं मुफ्त की रेवड़ी बांटकर परजीवी बनाने की होड़ लगी हुई है।