हिंदी को राष्ट्र भाषा किया जाय घोषित – शंभूनाथ झा
भारतवर्ष के सबसे बड़े ज्वलंत मुद्दा हिंदी को बनाया जाय राष्ट्र भाषा
आसनसोल । आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव शंभूनाथ झा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतवर्ष के सबसे बड़े ज्वलंत मुद्दे को लेकर मंगलवार को पत्र भेजा। उन्होंने प्रधानमंत्री का ध्यान भारतवर्ष के सबसे बड़े ज्वलंत मुद्दे की ओर आकर्षित करना चाहे हैं । उन्होंने कहा कि यह मुद्दा राजनीतिक, हिन्दू-मुस्लिम एवं जाति की लड़ाई से भी ज्यादा ज्वलंत है। एक ही देश भारतवर्ष या हिन्दुस्तान में जिस तरह से प्रादेशिक भाषाओं का घिनौना खेल आरम्भ हो गया है। वह गृह युद्ध की ओर इशारा करता है। जिस तरह से कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं बंगाल में हिन्दी भाषा भाषीर्यों के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। वह किसी भी हाल में ग्रहण योग नहीं है। हमलोग इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं। अगर इसी तरह दुर्भावना बनी रही तो सीमाओं पर मद्रास, मराठा एवं बिहार रेजीमेंट एक साथ हिन्दुस्तान की रक्षा कतई नहीं कर सकती जो आने वाले दिनों में हिन्दुस्तान के लिए घातक सिद्ध होगा। केन्द्र सरकार हर दिन प्रचार करती है एक राष्ट्र एक चुनाव। दुर्भाग्य की बात है कि किसी ने कभी नहीं कहा एक राष्ट्र एक भाषा। जब हर चीजों पर नया कानून बन सकता है तो हिन्दुस्तान की भाषा हिन्दी क्यूं नहीं हो सकती है। हिन्दुस्तान जैसा अग्रसर देश जो हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है। हिन्दुस्तान विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बन गया है लेकिन जिसकी अपनी कोई भाषा ही नहीं है। कितनी लज्जाजनक बात है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से अनुरोध करना चाहूंगा कि आने वाले संसदीय सत्र में हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने पर चर्चा आरम्भ कर हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित किया जाय। अब हिन्दी भाषा भाषीयों के साथ दुर्व्यवहार की जिम्मेवारी केन्द्र सरकार की होगी। अब आने वाले प्रत्येक चुनाव में हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करना ही मुख्य मुद्दा होगा।