रामकृष्ण मिशन में सिविक वॉलेंटियर के जीवन जीने का तरीका सिखाने पर हुई कार्यक्रम
आसनसोल । हाल ही में, राज्य भर में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिससे सिविक वॉलेंटियर के काम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस माहौल में आसनसोल रामकृष्ण मिशन ने सिविक वालंटियर्स के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक चर्चा समूह का आयोजन किया। मिशन ने इसमें भाग लेने वाले 150 सिविक वालंटियर्स को ‘सबर स्वामीजी’ नामक पुस्तक सौंपी और उनसे पुस्तक को अवश्य पढ़ने का अनुरोध किया। पता चला है कि आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय के पुलिस उपायुक्त (यातायात) वीजी सतीश पशुमर्थी ने आसनसोल रामकृष्ण मिशन से सिविक वालंटियर्स पर एक चर्चा समूह आयोजित करने का अनुरोध किया था। क्या यह सोच सिविक वालंटियर्स के खिलाफ हाल ही में हुई शिकायतों के कारण है? डीसीपी ने जवाब दिया, ‘सिविक वालंटियर्स को यातायात कार्य करने के लिए 24 घंटे कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कभी-कभी हमें उनके खिलाफ दुर्व्यवहार या दुर्व्यवहार की शिकायतें मिलती हैं। हैदराबाद रामकृष्ण मिशन में ऐसे मुद्दों पर चर्चा में भाग लेने से मुझे लाभ हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने यहां मिशन के महाराजाओं से बात कर एक चर्चा समूह की व्यवस्था की है।’
इस दिन आसनसोल रामकृष्ण मिशन के आईटीआई हॉल में आयोजित इस चर्चा समूह में मिशन के सचिव सौमात्मानंद जी महाराज ने सिविक वॉलेंटियर को कई सुझाव दिए। नागरिकों को उनका संदेश था, ‘कोई भी निर्णय अकेले न लेकर उच्च पदस्थ अधिकारी से चर्चा करना बेहतर है। अगर जरूरत पड़े तो आप व्हाट्सएप ग्रुप खोलकर समस्या से अवगत करा सकते हैं। काम शुरू करने से पहले सभी को मिलकर शपथ लेनी चाहिए। गुस्सा न करें। अगर आप गुस्सा करेंगे तो खुद को नुकसान पहुंचाएंगे।’
सचिव ने यह भी कहा, ‘मिशन की आईटीआई में हर साल 70 छात्रों को मुफ्त में पढ़ने का मौका मिलता है। ऐसे में अगर कोई सिविक वॉलेंटियर अपने बच्चे को यहां पढ़ने के लिए भेजना चाहता है तो हम उसे मौका दे सकते हैं।’