आसनसोल । जीटी रोड के किनारे सेंट जोसेफ हाई स्कूल के सामने अपना व्यापार करने वाले दुकानदारों को लगभग 2 साल पहले नगर निगम द्वारा हटाया गया था। उन्हें पुनर्वास देने की बात कही गई थी। लेकिन कहा जा रहा है कि उनमें से ज्यादातर लोगों को अभी तक पुनर्वास नहीं मिला है। इसे लेकर एक बार फिर टीएमसी के ही श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी नेता राजू अहलूवालिया ने टीएमसी परिचालित आसनसोल नगर निगम के खिलाफ भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाते हुए आवाज बुलंद की है। राजू अहलूवालिया ने कहा कि लगभग 2 साल पहले सेंट जोसेफ हाई स्कूल के पास 41 दुकानदारों को यह कहकर हटाया गया था कि उन्हें पुनर्वास दिया जाएगा। इनमें से कोई चाय बेचता था, कोई मोटरसाइकिल की मरम्मत करता था तो कोई अन्य छोटा-मोटा व्यापार करके अपना घर चलाता था। लेकिन इन दुकानदारों को हटा दिया गया और कहा गया कि उन्हें पुनर्वास दिया जाएगा। लेकिन 2 साल हो गए 41 दुकानदारों में से सिर्फ एक दुकानदार को छोड़कर और किसी को भी पुनर्वास नहीं दिया गया। उस एक दुकानदार को यहां पर आसनसोल नर्सरी चलाने के लिए दिया गया है। राजू अहलूवालिया ने पूछा कि 41 दुकानदारों में से सिर्फ एक दुकानदार को पुनर्वास दिया गया है। बाकी 40 दुकानदारों को कोई पुनर्वास नहीं दिया गया। बीते दो सालों से वह लोग भटक रहे हैं। लेकिन उन्हें कोई पुनर्वास नहीं दिया जा रहा है। राजू अहलूवालिया ने साफ कहा कि आसनसोल नगर निगम में भ्रष्टाचार हुआ है और मेयर विधान उपाध्याय डिप्टी मेयर वशिमुल हक सहित अन्य अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी है। लेकिन कोई इस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहा। उन्होंने सवाल किया कि आखिर सिर्फ एक दुकानदार को पुनर्वास देने के पीछे क्या कारण है। वहीं जब पत्रकारों ने राजू अहलूवालिया से पूछा कि वह खुद टीएमसी के श्रमिक संगठन के नेता हैं। इसके बावजूद वह टीएमसी परिचालित आसनसोल नगर निगम पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगा रहे हैं। इस पर राजू अहलूवालिया ने कहा की बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में एक ऐसी सरकार चल रही है जो कभी भी बिना पुनर्वास के किसी को हटाने में विश्वास नहीं रखती। लेकिन आसनसोल नगर निगम के कुछ पदाधिकारी ममता बनर्जी के आदर्श को नजर अंदाज करके काम कर रहे हैं। लोगों को बिना पुनर्वास के उन्हें हटाया जा रहा है जिससे आसनसोल नगर निगम की बदनामी हो रही है। इसलिए उन्हें पूरा अधिकार है कि वह इसका विरोध करें। हालांकि इस बारे में जब हमने आसनसोल नगर निगम के उपमेयर वशिमुल हक से बात की तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों को वहां से हटाया गया था। उनको पुनर्वास दिया गया है। उन्हें रवींद्र भवन के सामने आसनसोल नगर निगम द्वारा जो दुकानें बनाई गई थी। वहां पर दुकान उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन उनमें से बहुत से लोगों ने वहां पर जाने से इनकार कर दिया तब आसनसोल नगर निगम की तरफ से कहा गया था कि जब भविष्य में इस तरह की कोई परियोजना फिर से आएगी तब उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैकल्पिक दुकान उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन फिलहाल आसनसोल नगर निगम के पास इस तरह की कोई परियोजना नहीं है जिस वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है। वहीं 41 दुकानदारों में से सिर्फ एक दुकानदार को आसनसोल नर्सरी दिए जाने के सवाल पर वशिमुल हक ने कहा कि वहां पर एक नर्सरी बनाई गई है। इसके रखरखाव के लिए एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दी गई है। वहां पर काम अभी पूरा नहीं हुआ है जब पार्क का काम पूरा हो जाएगा। तब वहां पर जो स्टॉल अभी है वह भी हट जाएगा। वशिमूल हक ने कहा कि कोई कुछ भी कह सकता है। लेकिन इस मामले में कहीं पर कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि राजू अहलूवालिया भी टीएमसी के ही श्रमिक संगठन के नेता हैं। इसके बावजूद वह आसनसोल नगर निगम के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। इस पर वशिमूल हक ने कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि इस पर संगठन का नेतृत्व जवाब देगा।