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उदीयमान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के साथ ही प्रभु छठ घाट पर हुआ ऐतिहासिक छठ पूजा का समापन


आसनसोल । गुरुवार को आसनसोल के कल्ला प्रभु छठ घाट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के साथ ही आस्था के इस महापर्व का समापन हो गया। बुधवार शाम की तरह गुरुवार सुबह से भी छठव्रतियों की भारी भीड़ छठ घाट पर देखी गई। यह सभी छठव्रती सूर्य के उगने के पहले से ही यहां पंहुच गए थे और सूर्य के उदीयमान होते ही उन्होंने अर्घ्य प्रदान किया। ली क्लब के सचिव और आसनसोल के विशिष्ट समाजसेवी कृष्णा प्रसाद के तत्वावधान में आयोजित इस छठ पूजा के अवसर पर गुरुवार सुबह भी यहां आने वाले छठव्रतियों के लिए काफी व्यवस्था की गई थी। अपनी घोषणा के अनुसार कृष्णा प्रसाद ने घाट पर आने वाले हजारों छठव्रतियों में साड़ी, गमछा, कंबल, गंगा जल आदि वितरण किया। इसके साथ ही खीर और लड्डु का प्रसाद भी बांटा गया। उदीयमान सुर्य को अर्घ्य प्रदान करने के बाद आज सुबह एक बार फिर से गंगा घाट की आरती की तर्ज पर उषा आरती की गई। काशी से आए विद्वान पंडितों ने यहां उषा आरती कर एक ऐसे भव्य और अलौकिक दृश्य का सृजन किया जिसे देखकर कोई भी विस्मित हो जाए। वहीं छठ घाट को और छठमयी बनाने के लिए गीत संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। उषाकाल में अर्घ्य देकर लौट रहे छठव्रतियों ने मुक्तकंठ से कृष्णा प्रसाद द्वारा प्रभु छठ घाट पर किए गए इंतजामों की तारीफ की और कहा कि वह इस घाट पर पिछले कई वर्षों से आ रहें हैं लेकिन इस वर्ष जैसा इंतजाम उन्होंने कभी नहीं देखा। इनका कहना था कि कृष्णा प्रसाद ने इस साल के छठ पर्व को ऐतिहासिक बनाने का जो दावा किया था उसे सही साबित कर दिखाया।

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