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आसनसोल में शुरू हुआ सात दिवसीय पांचवा जिला पुस्तक मेला


आसनसोल । शनिवार से आसनसोल के पोलो मैदान में सात दिवसीय पांचवें जिला पुस्तक मेले की शुरुआत हुई। इस बार के पुस्तक मेले को सत्यजित राय और शैलजानंद मुखर्जी की याद में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि जन शिक्षा विस्तार व पुस्तकालय विभाग के मंत्री सिद्दिकुल्ला चौधरी, राज्य के कानून और लोक निर्माण विभाग के मंत्री मलय घटक, डीएम एस अरुण प्रसाद, एडीएम अभिजित शेवालय, जिला परिषद सभाधिपति सुभद्रा बाउरी, काजी नजरुल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. साधन चक्रवर्ती, जामुड़िया के विधायक हरेराम सिंह, पांडवेश्वर के विधायक नरेन्द्रनाथ चक्रवर्ती,प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन अमरनाथ चैटर्जी, उपाध्यक्ष डॉ. अमिताभ बासु, बोर्ड सदस्य चंद्रशेखर कुंडू, डीएलसी सागर सिन्हा, उदय जाना सहित तमाम गणमान्य अतिथिओं की बैजपोशी और उनको उत्तरीय ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसके उपरांत सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह पुस्तक मेला 26 नवम्बर तक चलेगा । उद्घाटन समारोह के दौरान अपना वक्तव्य रखते हुए मंत्री मलय घटक ने कहा कि आसनसोल में आयोजित यह पुस्तक मेला पूरे राज्य में एक प्रमुख पुस्तक मेला है। उन्होंने बताया कि पिछले साल एक करोड़ से ज्यादा कीमतों की किताबों की बिक्री हुई थी। वहीं हस्त शिल्प मेले में भी पांच करोड़ से ज्यादा कीमतों के सामान की बिक्री हुई थी। उन्होंने आगे कहा कि आज भले ही डिजिटल युग हो गया है लेकिन एक किताब पढ़ने में जो आनंद आता है वह मोबाइल या कंप्यूटर से कभी हासिल नहीं होता। वहीं सिद्दिकुला चौधरी ने कहा कि बंगाल में पुस्तकालय मंत्रालय में दी जाने वाली राशि को बढ़ाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले पुस्तक मेले में स्टाल लेने के लिए काफी ज्यादा रकम लगती थी लेकिन अब उसे काफी कम किया गया है। उन्होंने कहा कि किताबें बंगाल के समाज का अभिन्न अंग हैं जो विरासत ईश्वरचंद्र विद्यासागर और रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कायम की थी। वह आज भी बरकरार है । उन्होंने दावा किया कि किताबों में ही बंगाल का असली भविष्य है।

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