प्रधानमंत्री का माफी मांगना देश की आर्थिक प्रगति एवं किसान भाइयों की प्रगति को झटका है – सुरेन जालान
आसनसोल । लोकतांत्रिक प्रणाली में देश की जनता महान एवं देशहित महान है। उनके समक्ष माफी मांगना स्वयं में महान से भी अधिक महान बलिदान है। किसान आंदोलन तीनों बिल वापसी पर आसनसोल के व्यवसायी सह सामजसेवी सुरेन जालान द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया। उन्होंने राष्ट्रविरोधी ताकतों को एवं लखीमपुर में जो हुआ। केंद्रीय मंत्री जी के बेटे द्वारा एवं इस आंदोलन को देश की अखंडता के लिए एवं देश विरोधियों की ताकतों को बढ़ते हुए देख। किसान बिल के लिए प्रधानमंत्री ने जो गुरु पूर्णिमा, गुरुनानक साहेबजी के जयंती पर माफी मांगी। वह राष्ट्रहित के लिए एक सच्चा बलिदान है। मैं इस माफी को साहसिकपूर्ण एवं प्रकाश पर्व पर देश की अखंडता के लिए बलिदान मानता हूं। यह माफी किसानों के लिए है जो इस बिल को समझ न सके। दूसरे रूप में राष्ट्रविरोधी ताकतों के गलत इरादों की हार है। देश की आर्थिक प्रगति एवं किसान भाइयों की प्रगति को झटका है। आशा करता हूं की शीतकालीन संसद सत्र शुरू होने पर सभी पक्ष और विपक्ष मिलकर देश की अखंडता पर एवं देश की प्रगति पर विचार करे एवं जो भी निर्णय हो किसान भाइयों के हित में वापस कर देना चाहिए या नए ढंग से सभी को मिलकर देशहित सर्वप्रथम, किसान हित वह भी सर्वप्रथम होना चाहिए। यह किसी के व्यक्तिगत वर्चस्व की लड़ाई नहीं है। माफीनामें को हर भाषा में सम्मान का दर्जा देना चाहिए।