बहुप्रतिभावान कृष्णा प्रसाद का पूरा दिन सामाजिक व धार्मिक कार्यो में हो रहा व्यतीत
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आसनसोल । जीवन निर्वाह के लिए जिस सामग्री की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है वह धन है। धन से ही हम अपने जीवन और समाज की सभी शुरुआती आवश्यकताओं, आराम और जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। धन का महत्व आज के समय में ही नहीं, बल्कि प्राचीन समय से रहा है। धन के बिना न तो कोई धार्मिक कार्य होता है न ही कोई सामाजिक कार्यक्रम। जीवन निर्वाह धन के बिना नहीं हो सकता। राष्ट्र की उन्नति एवं समृद्धि का परिचायक भी धन ही है। प्राचीन समय में कहा जाता था कि धन और सरस्वती का वैर है। अर्थात ये दोनों एक स्थान पर इकट्ठे नहीं रह सकते, लेकिन आधुनिक युग में यह सिद्धांत बदल गया है। आज धन और विद्या दोनों साथ-साथ चलते हैं। धन की महिमा दिन-प्रतिदिन इसी तरह बढ़ती जा रही है। इस कमी को दूर करने के लिए बंगाल की सरजमीन पर में गरीबों के देवता, मशीहा अवतार ले लिए है। जी हां वह है विशिष्ट समाजसेवी, व्यवसायी सह धार्मिक प्रवृत्ति के धनी बहुप्रतिभावान व्यक्तित्व कृष्णा प्रसाद। बीते 27 सालों से लगातार सामाजिक, धार्मिक, शिक्षा, स्वास्थ्य पर कार्य कर रहे है। गरीब दुखियों के मदद गार बने हुए है। उनके द्वार से कोई खाली हाथ नहीं जाता है। शिल्पांचल में जिनका कोई सहारा नहीं है वैसे लोगों के सहारा बन रहे है। शिल्पांचल में एक वर्ष में 101 मंदिरों के जीर्णोद्धार का संकल्प लिए है। गरीब कन्याओं के शादी में मदद कर रहे है। जरूरतमंदों के इलाज के लिए मददगार बन गए है। जरूरतमंदों की पढ़ाई का पूरा खर्च का वहन करने का संकल्प उठाये है। शिल्पांचल में पड़ रहे भीषण गर्मी को देखते हुए कृष्णा जल सेवा शुरू किए है। वहीं आगामी 4 जून को कल्ला बायपास अपने आवास के पास जमीन पर मेगा रक्तदान, स्वास्थ्य जांच शिविर, निःशुल्क दावा देने का शिविर सहित सैकड़ो मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित कर सम्मान दिया जाएगा। संध्या के समय इस्कॉन मंदिर के भजन मंडली की टीम भजन संध्या में अपने भजन प्रस्तुत करेंगे। वहीं मंगलवार के पूरा दिन कृष्णा प्रसाद का सामाजिक और धार्मिक कार्यो में व्यतीत हुआ। कृष्णा प्रसाद ने कहा कि सेवा से बढ़कर कोई पुण्य कार्य नहीं है। आर्थिक अभाव में समाज के लोग कोई सामाजिक, धार्मिक कार्य करने में असमर्थ होते है। वहीं कुछ लोग अभी भी है जिनके पास धन रहते हुए भी सामाजिक और धार्मिक कार्यों से मुख मोड़ लेते है। उन्होंने कहा कि सभी धनवान व्यक्ति सामाजिक और धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने लगेंगे। देश से गरीबी बहुत जल्द समाप्त हो जाएगी।