हिंदी को लेकर आवाज बुलंद नहीं करने वाले हिंदी भाषी बुद्धिजीवी हिंदी के है दलाल – जितेंद्र तिवारी
पांडवेश्वर । पांडवेश्वर के पूर्व विधायक सह भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने शुक्रवार पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र में पंचायत चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया। उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में लोगों से मतदान करने की अपील की। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए जितेंद्र तिवारी ने कहा की आज पांडवेश्वर के बहुला सहित विभिन्न इलाकों में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार किया गया। उन्होंने कहा कि हाल ही में पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस परीक्षा से हिंदी संथाली और उर्दू तीनों भाषाओं को हटा दिया गया। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि इन तीनों माध्यमों के स्कूलों में पहले बांग्ला की पढ़ाई को अनिवार्य किया जाए उसके बाद यह फैसला लिया जाए। इससे एक तरफ जैसे हजारों बंगाली युवकों को नौकरी मिलेगी। ठीक उसी तरह से हिंदी संथाली और उर्दू भाषा भाषियों के साथ भी अन्याय नहीं होगा। उन्होंने इसके खिलाफ बुलंद आवाज में प्रतिवाद न करने वाले हिंदी भाषी बुद्धिजीवियों को हिंदी का दलाल करार दिया। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ हिंदी की दलाली करते हैं। हिंदी के विकास के साथ उनका कोई लेना देना नहीं है। वहीं पांडवेश्वर में टीएमसी के सांसद शताब्दी राय के चुनाव प्रचार में आने को लेकर उन्होंने कहा कि वह सिर्फ अनुब्रत मंडल को जलाने के लिए आई थी। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि शताब्दी राय चाहती थी कि अनुव्रत मंडल को जेल हो जाए और अब जबकि अनुब्रता मंडल सलाखों के पीछे हैं तो वह पांडवेश्वर में चुनाव प्रचार करने आए हैं। वहीं अनुब्रत मंडल को यह दिखाने आई हैं कि आप जेल में हो और पांडवेश्वर में हम चुनाव प्रचार कर रहे हैं।