“मेरी भी एक बेटी है…”, रात को सड़क पर जागती हैं माताएं
जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, उत्तर से दक्षिण तक पूरे राज्य में भीड़ बढ़ती गई
कोलकाता । विरोध प्रदर्शन शहरों से लेकर गांवों तक फैल गया। रात बढ़ रही है। महिलाएं मशाल लेकर सड़क पर उतर रही हैं। पुरुष भी चल रहे हैं। माताएँ तिलोत्तमा के लिए विलाप कर रही हैं। कई लोग कहते हैं कि उन्हें अपने बच्चों का डर है, इसलिए वे आज रास्ते पर हैं। रात बढ़ रही है, पुरुष भी महिलाओं के साथ शामिल हो रहे हैं जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, सड़कों पर विरोध करने वाले लोगों की भीड़ बढ़ती गई। बारिश को नजरअंदाज कर कई लोग सड़क पर उतर गये। वे पूछ रहे हैं कि रात अलग से क्यों बितानी चाहिए? महिलाओं को हर पल अधिकार क्यों हैं? किसी राजनीतिक दल के बैनर तले नहीं बल्कि विरोध के नारों से सड़कें गूंज रही हैं। पुरुष भी चल रहे हैं। रात शहर से जाग रही है हुगली के जिरात, झारग्राम के गोपीबल्लबपुर, बीरभूम के रामपुरहाट, पश्चिमी मेदिनीपुर के घाटल से लेकर जादवपुर, न्यू टाउन, कॉलेज स्ट्रीट तक महिलाएं एक-एक कर नीचे आ रही हैं। रास्ते में मोमबत्तियाँ जलाई जाती हैं। स्थानीय निवासी कहीं पेंटिंग कर रहे हैं।