विद्रोही कवि काजी नज़रुल इस्लाम की पुण्यतिथि मनाया गया
आसनसोल । आसनसोल नगर निगम की तरफ से गुरुवार विद्रोही कवि काजी नज़रुल इस्लाम की पुण्यतिथि के अवसर पर आश्रम मोड़ स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस मौके पर आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, नगर निगम के कानूनी सलाहकार रबिउल इस्लाम, आसनसोल नगर निगम के ऑफिस सुपरीटेंडेंट वीरेन अधिकारी, कलोल राय के अलावा आसनसोल नगर निगम के अन्य कर्मचारी और अधिकारी उपस्थित थे। मौके पर सभी ने काजी नज़रुल इस्लाम की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि काजी नज़रुल इस्लाम सिर्फ भारत या बंगाल नहीं बांग्लादेश में भी बेहद लोकप्रिय थे। जब आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी। तब उनके द्वारा रचित कविताओं ने अंग्रेजी हुकूमत की जड़े दिला दी थी। इसके साथ ही वह सांप्रदायिक सौहार्द की भी बात किया करते थे। उनकी कविताओं में धर्म जाति के सभी भेदभाव को भुलाकर मानवता का जयगान किया जाता था। उन्होंने कहा कि आज के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में काजी नज़रुल इस्लाम जैसे लोगों का जीवन और उनके आदर्श और ज्यादा प्रासंगिक हो गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि काजी नज़रुल इस्लाम सही मायनों में एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे। अपनी रचनाओं के जरिए उन्होंने हिंदू मुसलमान के भेदभाव को दूर किया। उनका मानना था कि दुनिया में धर्म से ऊपर मानवता होती है और उनकी रचनाओं में उन्होंने हमेशा मानवता को ही सर्वोपरि बताया।