जैक की बड़ी घोषणा मांगे नहीं मानी गईं तो 23 तारीख से होगा आमरण अनशन
आसनसोल । कोयला उद्योग को केंद्र सरकार द्वारा उपेक्षित किया जा रहा है। इस आरोप को लेकर मंगलवार को आसनसोल के चेलीडंगाल स्थित कोलियरी मजदूर सभा के श्रमिक संगठन एटक कार्यालय में सभी श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच जैक की एक बैठक हुई। यहां एटक के आरसी सिंह, एचएमएस के एसके पांडेय, बीएमएस के जयनाथ चौबे, सीटु की तरफ से विवेक होमचौधरी, सुजित भट्टाचार्य, माधव बैनर्जी, इंटक के चंडी बैनर्जी, आरपी शर्मा, जीएस ओझा, गुरुदास चैटर्जी, नवल किशोर सिंह, महेंद्र गुप्ता, शैलेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए आरसी सिंह ने कहा कि पूरे देश में कोयला खदानों की हालत खराब है। लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार कोयला उद्योग को बचाने को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाते हुए कोयला खदानों के निजीकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोयला खदानों को बचाने के लिए लिए सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है। यहां तक की कोयला उद्योग में रिक्त पदों को भरा तक नहीं जा रहा है। योग्यता के बाद भी समय पर कर्मियों को पदोन्नति नहीं दी जा रही है। आरसी सिंह ने कहा कि कोयला खदान श्रमिकों की इन समस्याओं को लेकर दो बार ईसीएल के सीएमडी को पत्र लिखा जा चुका है लेकिन इसपर कोई सुनवाई नहीं की गई है। मंगलवार की बैठक में जैक की तरफ से एक पत्र दिखाया गया जो संस्था की तरफ से ईसीएल को लिखी गई है। इस पत्र में भी ईसीएल से इनकी समस्याओं की तरफ ध्यान देने और उनके निराकरण की मांग की गयी है। आरसी सिंह ने कहा कि अगर 22 नवम्बर तक उनकी मांगों को माना नहीं गया तो 23 तारीख से ईसीएल के मुख्यालय सांकतोड़िया में आमरण अनशन किया जाएगा। रोजाना हर एक श्रमिक संगठन के दो दो प्रतिनिधि इस आमरण अनशन में हिस्सा लेंगे।