भेड़ चराने वाले गाय चराने वाले और बकरी चराने वाले के यहां ही प्रभु भगवान और खुदा अवतार लिए – नंद बिहारी यादव
दुर्गापुर । दुर्गापुर इंडियन पेंटेकोस्टल होलीनेस चर्च दुर्गापुर के तत्वधान में शनिवार दुर्गापुर के विधाननगर स्थित ऋत्विक होटल के प्रांगण में ईसा मसीह का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में आसनसोल कोयलांचल शिल्पांचल के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजवादी नेता नंद बिहारी यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इनके अलावा विशिष्ट अतिथियों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण राय तथा अन्य अतिथियों के कर कमलों से प्रभु यीशु के जन्मदिन का केक काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। यहां एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर समाजवादी नेता नंद बिहारी यादव ने कहा कि आज से हजारों वर्ष पहले प्रभु यीशु का जन्म इस धरती पर मानव कल्याण एवं प्रकृति के नियमों के तहत हर प्राणी की सेवा एवं गौ रक्षा के लिए हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य के जन कल्याण के कार्य ही इंसान को भगवान बना देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने
अपना पूरा जीवन केवल मानवता और इंसानियत की सेवा के लिए व्यतीत किया और उन्होंने धर्म की व्याख्या इंसान से इंसान को जोड़ने समानता और बराबरी के लिए किया। श्री यादव ने कहा की इस धरती पर जो भी अवतार के रूप में आया है। यह असाधारण बात है कि वह सभी भगवान प्रभु खुदा चरवाहे के परिवार में जन्म लिया। उन्होंने कहा इसे संजोग कहें या ईश्वर की कृपा कहें। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने भेड़ चराने वाले परिवार में जन्म लिया भगवान श्री कृष्ण गाय चराने वाले परिवार में जन्मे थे और खुदा के रूप में पैगंबर साहब बकरी चराने वाले के परिवार में जन्मे थे। सनातन मुस्लिम सिख ईसाई चाहे कोई भी धर्म हो एक साधारण इंसान साधारण लोक कल्याण का काम करने वाला व्यक्ति इंसान से भगवान हो जाता है। चाहे वह प्रभु के रूप में हो भगवान के रूप में हो या खुदा के रूप में। यही प्रकृति यही परमपिता परमेश्वर का स्वरूप है। श्री यादव ने कहा कि किसी भी धर्म का अर्थ इंसान से इंसान को जोड़ना इंसान और मानवता में समानता और बराबरी का भाव पैदा करना है। नफरत करने वाले भेदभाव छुआछूत मानने वाले वह चाहे भगवाधारी
हो या तिलकधारी हो चाहे वह जितना भी मंदिर मठ मस्जिद या चर्च में पूजा इबादत प्रार्थना कर ले लेकिन अगर वह मानवता या लोक कल्याण के प्रति समर्पित नहीं है तो वह व्यर्थ है। वह धर्म निराधार माना जाएगा। यही परमात्मा को स्वरूप और यही परमात्मा को स्वीकार भी हो। श्री यादव ने कहा वर्तमान समय में हम कुछ समझे धर्म जो है इंसान से इंसान को जोड़ने के लिए पहल करता है और इसका अनुकरण करे। श्री यादव ने प्रभु यीशु का बाइबिल में दिए गए संदेश को जन जन तक पहुंचाने और उस पर अमल करने की सलाह दी। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन होलीनेस चर्च दुर्गापुर के संरक्षक राजेश प्रसाद ने अध्यक्षा विभु रानी मुर्मू तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक सुरेश प्रसाद ने की । इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे इनम भानु शर्मा राजन दास अमल हालदार विश्वजीत दत्ता तथा शहर के जाने-माने गणमान्य लोग उपस्थित थे ।