अंडाल के सिविक वालेंटियर्स ने पेश की मानविकता की मिसाल
अंडाल । राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जब राज्य में सिविक वालेंटियर्स का गठन किया था। तब उनकी मंशा थी कि पुलिस बल के साथ कुछ ऐसे लोग जुड़ें जिनको उस क्षेत्र के हर गली, हर नुक्कड़ की खबर हो जिससे अपराधों पर नकेल कसने के साथ साथ आम लोगों को बेहतर तरीके से प्रशासनिक सेवा प्रदान की जा सके। सोमवार अंडाल में इसी की एक बानगी देखी गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार रात को रोज की तरह अंडाल ट्रैफिक गार्ड के सिविक वालेंटियर्स अंडाल से उखड़ा जाने वाले मार्ग पर गश्त पर थे कि अचानक उनकी नजर झाड़ियों के बीच पड़ी एक महिला पर गई। उन लोगों ने बिना समय गंवाए उस महिला को अंडाल ट्रैफिक थाना लेकर आए और उनसे उनके घर का अतापता पुछने लगे। लेकिन महिला की मानसिक स्थिति खराब होने की वजह से वह सवालों का सही जवाब नहीं दे पा रहीं थी। हालांकि पुछताछ में अंडाल ट्रैफिक गार्ड के अधिकारियों को इतना तो समझ में आ गया कि महिला काजोड़ा की रहने वाली है। अंडाल सिविक वालेंटियर्स ने काजोड़ा में अपने सहकर्मी हेमंत मित्रा से संपर्क किया और महिला के बारे में पता लगाने को कहा। हेमंत मित्रा ने तुरंत महिला के परिवार का पता लगाया और उनको लेकर अंडाल ट्रैफिक थाना लेकर आए। इसके उपरांत सभी सिविक वालेंटियर्स की उपस्थिति में महिला को उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया। यह पुरा कार्य किशोर दास, देवाशीष सरकार, अर्णव बरई, बिरजु गुप्ता, कन्हैया कुमार वर्मा, सागर राय की मेहनत और कुशलता के कारण संपन्न हो पाया।