कीमतों में फिर उछाल, पेट्रोल-डीजल का नया रिकॉर्ड
कोलकाता । ईंधन की कीमत एक बार फिर बढ़ गई है। इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल के दाम 16 दिनों में 14 गुना बढ़ गए। बुधवार से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी जारी है।
कोलकाता में इसकी कीमत कितनी है –
कोलकाता में बुधवार से पेट्रोल की कीमत में 84 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। कोलकाता में डीजल की कीमत कल से 81 पैसे प्रति लीटर बढ़ रही है। कोलकाता में पेट्रोल के दाम में बुधवार से 115.12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो रही है। वहीं कोलकाता में डीजल के दाम 99.83 रुपये प्रति लीटर बढ़ रहे हैं।
मूल्य विरोध –
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आए दिन इजाफा हो रहा है। ईंधन हर दिन एक कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। महंगाई के दबाव पर आम जनता हंस रही है। कीमतों में वृद्धि के खिलाफ विपक्षी दल बार-बार आवाज उठा रहे हैं। सड़कों पर विरोध भी हो रहा है। दक्षिण कोलकाता जिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में सोमवार को ढाकुरिया में इंडियन वेल कॉर्पोरेशन के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने धरना दिया। उन्होंने खाली सिलिंडरों पर फूलों की माला के साथ प्रदर्शन किया। बीते 8 साल के बीजेपी शासन के दौरान ईंधन की कीमत कितनी बढ़ी है? लोगों पर कितना बोझ बढ़ गया है? राहुल गांधी ने आंकड़ों के साथ इसे उजागर करते हुए अपने ट्वीट में यह दावा किया है। वर्ष 2014 में, वह 714 रुपये में स्कूटर मोटरसाइकिल में पेट्रोल पुल टंकी मिलता था। दूसरे शब्दों में, इस अवधि के दौरान लागत में 324 रुपये की वृद्धि हुई है। इसी तरह एक छोटी कार के फुल टैंक में ईंधन भरने का खर्च करीब तेरह सौ रुपए बढ़ गया है। ट्रैक्टरों के मामले में, ईंधन की लागत में अठारह सौ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है। ट्रक में ईंधन भरने की लागत 7,000 रुपये से अधिक बढ़ गई है।
कर दबाव –
पेट्रोल और डीजल के मामले में केंद्र सरकार टैक्स पर उत्पाद शुल्क लगाती है। राज्य सरकारें बिक्री कर या वैट लगाती हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों में अगर कोई ग्राहक 100 रुपये में पेट्रोल खरीदता है तो सिर्फ केंद्र और राज्य सरकारों को 34 रुपये से 53 रुपये तक टैक्स देना होता है। लेकिन, पेट्रोलियम की कीमतों के दिन-प्रतिदिन के भयावह रिकॉर्ड के बावजूद, कोई सरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? आम लोग सवाल उठा रहे हैं।