“मैं कुछ कहना चाहती हूं।” हाथ में तख्ती लिए नौकरी के लिए आवेदन करती महिलाएं
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आसनसोल। मंगलवार दोपहर आसनसोल के पोलो मैदान में तृणमूल कांग्रेस की जनसभा में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण के दौरान कुछ महिलाओं ने नौकरी की मांग की और हाथों में तख्तियां लेकर बातें करने लगी।तख्तियों में लिखा था, “दीदी, बात करो,” “दीदी कुछ कहना चाहती हैं।” ये महिलाएं ममता बनर्जी के सामने थी। इसलिए ममता बनर्जी की निगाहें इन पर पड़ी। मालूम हो कि ये महिलाएं मुर्शिदाबाद की रहने वाली थी। वे शिक्षा के क्षेत्र में नौकरियों के लिए कलकत्ता के आंदोलन में शामिल थी। उन्हें संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह राज्य सरकार के हाथ में नहीं है क्योंकि मामला अदालत में है। मैंने मामला नहीं किया। तुमने यह किया। जाओ और सीपीएम नेता बिकास को बताओ? उन्होंने मामला बनाया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सभी रिक्त पदों को न्यायालय के निर्देशानुसार भरा जायेगा। हम हमेशा जनता के साथ रहे हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने सख्ती से कहा कि आज विपक्ष पूरे बंगाल में लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन केस लड़ने वाली विपक्षी पार्टियों को जवाब देना होगा कि नौकरी चाहने वालों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि 17000 नौकरियां सृजित की गई हैं। कैबिनेट में अन्य 5,000 को मंजूरी दी गई है। लेकिन, हमें अदालत का पालन करना होगा। महिलाएं जैसे ही तख्तियां लेकर उठीं, चित्र पत्रकार फोटो खिंचवाने के लिए दौड़ पड़े। बैठक में हंगामा हुआ। ममता बनर्जी ने तब पत्रकारों की भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि दो-चार लोगों ने जो किया, उसके साथ गिर पड़े। यह सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि तृणमूल कांग्रेस के नेता और पुलिस अधिकारी अस्तित्व में आ गए। तत्काल महिला पुलिसकर्मी उनके पास गईं और तख्तियां ले ली। मालूम हो कि ऐसा कुछ होगा, इसकी पहले से ही आशंका थी। इसलिए किसी को भी पोस्टर लेकर अंदर नहीं जाने दिया गया। तब भी ऐसा हुआ।