बालू की कालाबाजारी के खिलाफ शिल्पांचल में पसरा असंतोष
आसनसोल । भवन निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण उपादानों में से एक बालू के संकट से अकेले पश्चिम बर्द्धमान जिले में ही हजारों की संख्या में लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार हर रोज होने वाला करोड़ों रुपये का कारोबार पुरी तरह से बंद पड़ा है। सरकार की तरफ से बालू के उत्खनन के लिए कोई पारदर्शी नीति नहीं होने से पिछले कई सालों से समस्या बनी हुई थी मगर बीते कुछ दिनों की प्रशासनिक कार्रवाई के चलते समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। दुसरी तरफ शिल्पांचल में बालू की कालाबाजारी की भी धड़ल्ले से खबरें आ रही हैं। दो हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर बिकने वाली बालू कालाबाजार में नौ हजार रुपये ट्रैक्टर बेची जा रही है। आसनसोल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव शंभूनाथ झा ने प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर इस समस्या के समाधान की अपील की है। प्रशासनिक अधिकारियों को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा है कि वह उनका ध्यान एक गंभीर ज्वलंत समस्या की ओर ले जाना चाहते हैं । जिस तरह से अचानक बालू की कमी हो गई और उसके दामों में अस्वाभाविक उछाल आ गई है। इससे लाखों गरीब मजदूरों के भुखे मरने की नौबत पर आ गई हैं। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि कल तक जो लोग कम कीमत पर बालू बेच रहे थे, आज वह उंचे दामों पर बालू बेच रहें हैं। उन्होंने इसपर सवाल उठाते हुए कहा कि बालू की कोई कमी तो है नहीं फिर ये गोरखधंधा कैसे हो रहा है ? उन्होंने प्रशासन से अपील की कि मजदूरों के हितों के लिए इस समस्या का जल्द से जल्द निराकरण करना चाहिए वरना लोग सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।