ईसीएल प्रबंधक की एरियल रवैया के खिलाफ होगा लगातार आंदोलन
आसनसोल । चेलीडांगा स्थित कोयला मजदूर सभा कार्यालय में शनिवार विभिन्न श्रमिक संगठनों के ज्वाइंट एक्शन कमिटी की बैठक हुई। इस बैठक में विभिन्न संगठनों के श्रमिक नेता उपस्थित थे। बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष और कारपोरेट जेसीसी सदस्य जयनाथ चौबे ने कहा कि जिस तरह से श्रमिक यूनियनों से वार्तालाप किए बिना ईसीएल प्रबंधन द्वारा श्रीपुर और सातग्राम एरिया का विलय कर दिया गया। उसके खिलाफ बैठक में चर्चा कर रणनीति तैयार की गई। उन्होंने कहा कि किसी भी कोलियरी में श्रमिक संगठन भी स्टेकहोल्डर होते हैं। लेकिन जिस तरह ईसीएल प्रबंधन द्वारा उनसे वार्तालाप के बिना इतना बड़ा फैसला ले लिया गया। उसको देखते हुए ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सभी संगठनों द्वारा एक प्रबंधन के सामने एक मांग पत्र पेश किया गया। जिसमें श्रीपुर और सातग्राम एरिया के विलय को रद्द करने, एंप्लॉयमेंट जो पेंडिंग पड़े हैं, उनको पूरा करने, श्रमिकों के तबादले की प्रक्रिया को पूरा करने, नियमित अंतराल पर कॉरपोरेट जेसीसी की बैठक बुलाने की मांग रखी गई थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान 44 डायरेक्टर आए लेकिन एक भी परिचयात्मक बैठक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि प्रबंधन श्रमिक संगठनों की बातों को अनदेखा कर श्रमिक संगठनों को हड़ताल के लिए बाध्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि श्रमिक संगठनों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। लेकिन प्रबंधन श्रमिक संगठनों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर कर रहा है। उनका कहना था कि यह हड़ताल 1 दिन की नहीं होगी। प्रबंधक यूनियन के साथ बैठक को टालती है तो लगातार आंदोलन किया जाएगा। आगामी 22 अप्रैल को ईसीएल इलाके में जितने भी सक्रिय श्रमिक संगठन हैं। उन सब की एक बैठक बुलाई गई है जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। वहीं बीते 12 तारीख को जो प्रदर्शन किया गया था। उसकी भी समीक्षा की गई। इस मौके पर गुरुदास चक्रवर्ती, गौरांग चटर्जी सहित विभिन्न श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।