मानव अधिकार का दायरा सिर्फ जिंदा इंसानो तक सीमित नहीं, मृत व्यक्ति को उचित तरीके से सत्कार करना भी मानव अधिकार – राजेत प्रसाद
आसनसोल । यूं तो मानव अधिकार संगठन कई हैं लेकिन गिने-चुने मानव अधिकार संगठन ही सही मायनों में मानव अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयास करते हैं। हम मानव अधिकार के बात जब करते हैं तो सिर्फ जिंदा इंसानों के अधिकारों के बारे में बात करते हैं। लेकिन मानव अधिकार का दायरा सिर्फ जिंदा इंसानो तक सीमित नहीं है। मृत व्यक्ति को उचित तरीके से सत्कार करना भी मानव अधिकार है। इसी कार्य को ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स के स्टेट सचिव राजेत प्रसाद ने बखूबी अंजाम दिया। आपको बता दें कि आरा डंगाल निवासी राजेत प्रसाद ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स के प्रदेश सचिव हैं। बीते लंबे समय से वह मानव अधिकार से संबंधित काम करते रहे है। हाल ही में उनकी निगरानी में रहने वाले एक व्यक्ति की मौत हो गई जिसका इस दुनिया में कोई नहीं था। इसके बाद राजेत प्रसाद ने अपने तत्वावधान में कल्ला में उनका अंतिम संस्कार किया। 3 दिनों के उपरांत पूरे विधि विधान के साथ श्राद्ध भी किया जाएगा। इस बारे में राजेत प्रसाद ने बताया कि बबुआ सिंह 40 वर्षीय व्यक्ति बीते कई महीनों से आरा डंगाल क्लब में राजेत प्रसाद की देखरेख में रहता था। वह मूलत जामताड़ा के निवासी था। लेकिन उसका इस दुनिया में कोई नहीं था। इसलिए राजेत प्रसाद ही उनकी देखभाल किया करते थे। हाल ही में वह गंभीर रूप से बीमार हो गया था। आसनसोल जिला अस्पताल में उनका इलाज भी करवाया गया। लेकिन राजेत प्रसाद की लाख कोशिशों के बावजूद बबुआ सिंह को बचाया नहीं जा सका और आज उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि बबुआ सिंह की मौत से उनको ऐसा लगा जैसे उनके अपने परिवार में किसी की मौत हो गई। बीते कई महीनों से वह उनके परिवार का हिस्सा बन गया था। इसलिए उन्होंने इसे अपनी जिम्मेदारी समझी। उसका पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कल्ला श्मशान घाट में पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया और 3 दिनों के उपरांत उनका श्राद्ध भी किया जाएगा।