जितेंद्र तिवारी के शहर में इंट्री पर निर्णय आएगा 27 को
आसनसोल। पूर्व मेयर सह भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी के आसनसोल नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश के मुद्दे पर कोलकाता हाईकोर्ट ने बुधवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।आगामी 27 जून को कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगा। उन्होंने बीते मंगलवार को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सनद रहे कि कोलकाता उच्च न्यायालय ने आसनसोल नगर निगम क्षेत्र में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है। आसनसोल नगर निगम बोर्ड में नेत्री प्रतिपक्ष भाजपा पार्षद चैताली तिवारी ने बीते 14 दिसंबर को वार्ड 27 अंतर्गत रामकिशन डंगाल में शिव चर्चा तथा कंबल वितरण समारोह आयोजित किया था। इस समारोह में विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी शामिल हुए थे। स्वाभाविक तौर पर पार्टी के बड़े-बड़े नेता के आगमन के कारण भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी समेत सभी स्थानीय नेता तथा पार्षद शामिल हुए थे। शुभेंदु अधिकारी के मंच पर रहने तक सबकुछ शांतिपूर्ण और सामान्य तरीके से चल रहा था। उसके बाद शुभेंदु अधिकारी भाजपा जिला कार्यालय चले गए। उसके साथ सभी बड़े भाजपा नेता जिसमें जितेंद्र तिवारी भी शामिल थे। कार्यक्रम स्थल से चले गए उसके कुछ समय बाद कंबल लेने के लिए महिलाओं में भगदड़ मच गई। जिसमें एक नाबालिग युवती तथा दो महिलाओं की मौत हो गई। राज्य सरकार ने घटना के बाद शुभेंदु अधिकारी को अभियुक्त बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी। लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट से अनुमति नहीं मिली। परिणाम स्वरूप सभी राजनीतिक दबाव जितेंद्र तिवारी पर आ गया।उन्हें इस मामले में पहला नामजद आरोपी बनाया गया। बाद में उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जब वह सुप्रीम कोर्ट में अपनी सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी। उन्हें हवाई मार्ग से आसनसोल गया। उसके बाद पुलिस ने दो बार उन्हें रिमांड पर लिया। उसके बाद न्यायिक हिरासत में जेल में रहे थे। 10 अप्रैल कोलकाता हाईकोर्ट की खंडपीठ से जमानत मिली। राज्य सरकार का कहना था कि उनके आसनसोल रहने से जांच प्रभावित होगा। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस पर जमानत दी कि वे नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेंगे। उसके बाद से जितेंद्र तिवारी नगर निगम क्षेत्र से बाहर है।