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शिव चर्चा कांड में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण में 3 की मौत पर तृणमूल कर रही राजनीतिकरण – जितेंद्र तिवारी

आसनसोल की जनता के लिए जारी किया हेल्पलाइन नंबर 7811 8711 90 दुर्गापुर। आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर सह भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने सोमवार दुर्गापुर में पत्रकारों को संबोधित करते कहां की आसनसोल में शिव चर्चा के दौरान हुआ दुर्घटना एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था जिसमें 3 की मौत हो गई थी। लेकिन जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस द्वारा इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का राजनीतिकरण किया गया। वह अफसोस जनक था। उन्होंने कहा कि शिव चर्चा को लेकर जो दुर्घटना हुआ था। उसके बाद तृणमूल के द्वारा इसका राजनीतिक फायदा उठाने की पूरी कोशिश की गई। कोलकाता से कई मंत्री आए उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उनको कहा कि जो सरकारी मुआवजा मिलना है। वह तो इन परिवारों को मिलेगा ही लेकिन इसके साथ ही उनको बोला गया कि सरकारी नौकरी भी दी जाएगी और इस तरह के प्रलोभन दिखाकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि शिव चर्चा के आयोजन में भाजपा के जो कार्यकर्ता संलिप्त थे। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। उनकी गिरफ्तारी हुई, उनकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। इस तरह से एक दुर्घटना को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच में उन्होंने हमेशा मदद की है। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि शिव चर्चा के दौरान जो दुर्घटना हुआ। वह इसलिए क्योंकि वहां पर पुलिस की समुचित व्यवस्था नहीं थी। उनके खिलाफ जो मामला दर्ज हुआ इसके बाद कोलकाता उच्च न्यायालय में उनके जमानत की अर्जी नामंजूर हो गई। इसके उपरांत उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज किया था। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के महज 48 घंटा पहले उनको दिल्ली के नजदीक एक जगह से गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि 48 घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट से उनको इस मामले में राहत मिल ही जाती और ऐसा हुआ भी जिनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। उनको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई। लेकिन उनको गिरफ्तार कर लिया गया वह भी सिर्फ राजनीतिक कारणों से इसके उपरांत उनको 8 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया। लेकिन इन 8 दिनों में उनसे सिर्फ डेढ़ या 2 घंटे ही पूछताछ की गई। उनको तभी पता चल गया कि तृणमूल की तरफ से इस मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है और राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है। उनका तभी समझ में आ गया था कि तृणमूल नहीं चाहती है कि आसनसोल में प्रवेश कर सके। 22 दिनों के उपरांत जब कोलकाता उच्च न्यायालय ने सरकार पक्ष से कहा कि अब जितेंद्र तिवारी को बेल दिया जा सकता है तो इस पर सरकार पक्ष ने कहा कि अगर जितेंद्र तिवारी आसनसोल में प्रवेश करेंगे तो वहां पर अशांति होगी। अदालत ने उनको बेल दिया लेकिन आसनसोल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि तृणमूल के नेता जब वह आसनसोल के मेयर थे। तब उनके कार्यकाल में आसनसोल की हर गली में जो विकास के कार्य हुए हैं। उन विकास कार्यों को तो अपना रहे हैं। उनका श्रेय ले रहे हैं, लेकिन यह नहीं चाहते कि वह आसनसोल में प्रवेश कर सकें। उन्होंने कहा कि लेकिन फिर भी आसनसोल वासियों का भूले नहीं है और बहुत से लोगों के फोन आ रहे हैं। जो अपनी समस्याएं उनको बता रहे हैं। ऐसे लोगों के साथ खड़े होने के लिए उन्होंने एक नंबर जारी किया उनका कहना है कि सुबह 7 बजे से लेकर रात 10 बजे तक के नंबर खुला रहेगा। इस नंबर पर व्हाट्सएप पर है कोई भी अपनी परेशानी इस नंबर पर बयां कर सकता है। वह भले खुद आसनसोल पर जाकर इन समस्याओं का समाधान न कर सके। लेकिन उनकी टीम के सदस्य इन परेशानियों का हल निकालने की कोशिश करेंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह नंबर है 7811 8711 90 उन्होंने कहा कि यह नंबर सुबह 7 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहेगा। इसमें कोई भी अपनी समस्या बयां कर सकता है। उनके पास समय रहा तो वह खुद इस नंबर पर बात करेंगे लेकिन इस नंबर पर किए हुए हर फोन की जानकारी उनको रहेगी। उन्होंने कहा कि वह खुद भी चाहते हैं कि पंचायत चुनाव के दौरान वह पंचायत इलाकों में घूमे और लोगों से मिले। लेकिन क्योंकि वह आसनसोल में नहीं रह सकते। इसलिए कोलकाता से आना-जाना करते हुए। पंचायत इलाकों में घूमना उनके लिए संभव नहीं हो रहा है और एक व्यक्ति के लिए बंगाल के हर शहर में एक घर बना लेना मुश्किल है। फिलहाल उनके रहने का इंतजाम एक आसनसोल में है और दूसरा कोलकाता में । जितेंद्र तिवारी ने कहा कि है बड़े आश्चर्य की बात है कि आसनसोल के पूर्व मेयर को आसनसोल में प्रवेश की अनुमति नहीं है। लेकिन आपराधिक तत्व आसनसोल में बेखौफ घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पंचायत चुनाव में पार्टी के लिए कुछ नहीं कर पा रहे है। इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत दुःख हो रहा है। राजनीतिक पार्टी से मुकाबला करना हो तो भाजपा उसका मुकाबला कर सकती है मगर कोयला, बालू एवं लोहा चोर और सत्ताबाज से मुकाबला करना हो तो भाजपा उसे मुकाबला नहीं कर सकता। वहीं उन्होंने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि पंचायत चुनाव में उम्मीदवार पंचायत के लोग चुनकर देंगे। वहीं देखा गया की माफियाओं को टिकट दिया जा रहा है। माफियाओं के डर भय से बहुत जगहों पर भाजपा के उम्मीदवार नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि पंचायत के बुद्धिजीवी लोगों से पूछकर टिकट नहीं दिया गया। जो ज्यादा पैसा पार्टी फंड में दिया। टिकट उसी को दिया गया। अभिषेक बनर्जी ने सिर्फ लोगों को भ्रमित करने के लिए यह बात बोली थी। उन्होंने कहा कि पांडवेश्वर की जनता को तृणमूल कांग्रेस अपनी साम्राज्य समझता है। भाजपा लोगों को अपना परिवार समझता है। बंगाल में रहने वाले सभी जाति धर्म के लोग बंगाली है। हिंदी, संथाली, उर्दू या फिर किसी भी भाषा में बात करने वाला बंगाली है। जैसे हिंदी में बात करने वाला हिंदी भाषी बंगाली होता है। उन्होंने कहा कि जनता के लिए जो नंबर जारी किया। वह नंबर दीदी के बोलो का प्रतिरूप नहीं है। आसनसोल में फिलहाल जाने की अनुमति नहीं है। इसलिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया है।
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