कलयुग में हनुमानजी की जो पूजा करते है, उन्हे हनुमानजी तुरंत ही फल देते है – राम मोहन जी महाराज
सही लोग, सही समाज एवं सही संगत में रहने से बहुत सा टल जाता है बला
आसनसोल । जीटी रोड बड़ा पोस्ट ऑफिस के पास महावीर स्थान मंदिर में महावीर स्थान सेवा समिति की ओर से आयोजित 9 दिवसीय रामकथा प्रवचन के नौवे दिन श्री राम मोहन जी महाराज ने शबरी और रामजी का वार्तालाप, बाली और सुग्रीव मिलन, हनुमान जी सुग्रीव मिलन, संपाती नामक बाज ने सीता का पता की जानकारी, राम ने बाली को मारा, समुद्र के किनारे रामेश्वर की स्थापना पर कथा सुनाई गई। राम मोहन जी ने समुद्र मंथन पर समुद्र के मानने पर जब नहीं माने तो रामजी ने ब्रह्मास्त्र उठाया। तब समुद्र देवता प्रकट हुए। समुद्र देवता ने कहा कि आपका वानर सेना में दो ऐसे वानर हैं , जिनका नाम नल और नील है। उनको ऋषियों का वरदान है कि वह जो चीज पानी में फेंकेंगे, वह डूबेगा नहीं। वह तैरेगा। इस प्रकार राम सेतू बनाया गया। सेना सेतू के पार गई। लंका दहन हुआ। राम रावण युद्ध हुआ। युद्ध में रावण ने कुंभकरण को जगाया। विभीषण को हनुमान जी ने जगाया। दोनों का अंतर यह हुआ कि भगवान व राक्षस को जगाने रावण ने कुंभकरण को जगाया। वह मारा गया। हनुमान जी ने विभीषण को जगाया वह राजा बन गया। इससे शिक्षा मिलता है, सही लोग सही समाज एवं सही संगत में रहने से बहुत सा बला टल जाता है। लक्ष्मण जी को जब वान लगा, संजीवनी के खोज में हनुमान जी ने पूरा पर्वत ही उठा कर ले आए। रावण को अंत में भगवान राम ने 31 वान मारे। 30 वान से उसके धर और भुजा काटा, एक बार नाभी में लगा। जिससे रावण की मृत्यु हुई।रामजी को विजय प्राप्त हुआ। पुष्पक विमान से अयोध्या पहुंचे। गुरु जी ने जनता से प्रश्न किया कि जिसका उत्तर 90 फीसदी लोगों को मालूम नहीं थी। उन्होंने पूछा की लंका से लौटने के बाद रामजी का राज्याभिषेक कब हुआ? किसी ने रामनवमी, किसी ने विजयदशमी, तब गुरु जी ने बताया कि दीपावली के दिन राज्याभिषेक हुआ था। जब लंका दहन हुआ था। उसके बाद माता सीता के पास हनुमान जी पहुंचे। माता सीता ने पूछा हनुमान जी यहां लंका जली। विभीषण का घर और कुछ लोगों का घर कैसे बच गया। हनुमान जी ने कहा माता मेरी पूछ में किरासन और कपड़ा जब बांधा जा रहा था। कपड़ा और तेल घट गया। कुछ लोग अपने अपने घर से कपड़ा एवं तेल लाकर बंधे और डाल दिए। जिन-जिन लोगों ने प्रसाद चढ़ाया था। उन्हीं के घरों हमने प्रसाद पहुंचा दिया। हनुमान चालीसा पाठ हुआ। सुंदरकांड का प्रवचन हुआ। गुरु जी ने कहा कि कलयुग में हनुमान जी को जो पूजा करते है, तुरंत ही फल देते हैं। हनुमान जी जिसको मिले, उसका भला पहले होता है। सुग्रीव को राजपाठ दिया। विभीषण को लंका का राज्य। प्रभु की वाणी और प्रभु जो कहते हैं उसे बिना समझे मुझे जो लोग सनातन धर्म के बारे में गलत ढंग से गलत शब्द का प्रयोग करते है। उनको हनुमान जी पर छोड़ देना चाहिए। आदमी को रामायण का पाठ रोजाना करना चाहिए। जिससे बच्चों में इस शिष्ठाचार आता है। मौके पर ज्योति यादव, सीता देवी, राजकिशोर कुशवाहा, बबीता साव, संगीता भगत, प्रीति तिवारी, अर्चना शर्मा, नीलम शर्मा, स्मिता शर्मा, शशि शर्मा, सविता शर्मा, रेखा प्रसाद, केशव पटेल किरण गुप्ता, लक्ष्मी शर्मा, रेखा चौरसिया, कृष्ण सिंह, बबीता गुप्ता, प्रदीप अग्रवाल, विजय बर्नवाल, महेश अग्रवाल, जगदीश शर्मा, लीला शर्मा, जितेंद्र बर्नवाल, प्रकाश अग्रवाल, देवेश पारीक, शिव प्रसाद बर्मन, संजय ड्रोलिया, टुनटुन गाडिया, प्रदीप केसरी ने आरती व पूजा की। अंतिम दिन कुछ विशेष जनों को जिन्होंने 9 दिवसीय राम कथा में अपना नि:स्वार्थ भाव से सेवा दिया। उन्हें महावीर स्थान सेवा समिति की ओर से सम्मानित किया गया। मौके पर जगदीश प्रसाद केडिया, अरुण शर्मा, प्रभात अग्रवाल, अजीत शर्मा, संजय शर्मा, दिनेश लडसरिया, बजरंग लाल शर्मा, अमर भगत, अनिल सहल, जितेंद्र बर्नवाल, सावरमल अग्रवाल, बंसीलाल डालमिया, संजय अग्रवाल, प्रकाश अग्रवाल, अरुण बर्नवाल, सुरेंद्र केडिया, प्रेमचंद केसरी, विनोद केडिया, विकास केडिया, वासुदेव शर्मा, मुन्ना शर्मा, महेश शर्मा, सज्जन भूत, मुकेश शर्मा, मनीष भगत, अभिषेक बर्मन, राजू शर्मा, मुंशीलाल शर्मा, प्रकाश अग्रवाल, अक्षय शर्मा, राजकुमार केरवाल, निरंजन पंडित, जगदीश पंडित, श्यामसुंदर पंडित, विद्यार्थी पंडित, बजरंग शर्मा, रौनक जालान, दीपक गुप्ता सहित सैकड़ों गण्यमान्य श्रद्धालु शामिल थे।