पांडवेश्वर के बहुला में ग्राहकों का फुटा गुस्सा एक सरकारी बैंक के कामकाज को किया ठप
पांडवेश्वर । देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी देशवासियों को बैंक से जोड़ने के लिए जनधन परियोजना की शुरुआत की थी। ऐसी परियोजनाओं का यह ही मकसद था कि देश के हर व्यक्ति का बैंक में एकाउंट हो। लेकिन विभिन्न समय बैंकों के कामकाज को लेकर जनता में असंतोष दिखता है। ऐसा ही कुछ पांडवेश्वर के बहुला इलाके में स्थित एक सरकारी बैंक को लेकर देखा जा रहा है। लोगों का आरोप है कि इस बैंक के कर्मचारी लोगों से सीधे मुंह बात नहीं करते। मनरेगा आदि परियोजनाओं से लोगों को जो कमाई होती है। उससे बचे सौ दो सौ रुपए जब स्थानीय लोग बैंक में जमा करने जातें हैं तो जमा नहीं लिया जाता और उनको बैंकों के बाहर बैठे दलालों के पास भेज दिया जाता है। लाईफ सर्टिफिकेट के लिए भी बुजुर्ग लोगों को परेशान किया जाता है। उनको बारबार लौटाया जाता है। उनको भी दलालों के भरोसे छोड़ दिया जाता है । कुछ ऐसा ही हाल बैंक से मिलने वाले लोन को लेकर भी है। यहां भी बैंक के अपने दलालों के जरिए आए लोगों को प्राथमिकता दी जाती है। इतना ही नहीं 25 हजार से ज्यादा की रकम कोई निकालने जाता है तो उसे भी बेवजह परेशान किया जाता है। वहीं एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह अपना पासबुक अपडेट कराने के लिए चार दिन से घुम रहीं हैं । हालांकि जब हमारे संवाददाता ने बैंक के सिनियर मैनेजर एसएस बैनर्जी से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नही है। बैंक के कर्मचारी ग्राहकों के साथ अच्छा बर्ताव करते हैं। वहीं छोटी रकम जमा न लेने के आरोपों से उन्होंने इंकार किया। हालांकि 25 हजार से ज्यादा की रकम निकालने में ग्राहकों को आ रही परेशानी के मद्देनजर एसएस बैनर्जी ने कहा कि चूंकि उनके बैंक की यह शाखा एक डिपोजिट शाखा है तो यहां कभी कभी पैसे की कमी हो जाती है। लेकिन ग्राहकों को अगले दिन ही पैसे का भुगतान कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर ग्राहकों को कोई परेशानी है तो आकर बैंक प्रबंधन से बात करें न कि इस तरह से विक्षोभ दिखाकर बैंक के कामकाज को ठप कर दें।