आसनसोल के ब्रेल अकादमी में लगाई गई सोलर शक्ति से चलने वाली मशीन
आसनसोल । इन दिनों रसोई गैस की कीमतें आसमान छु रहीं हैं। कोयले प्रयोग पर्यावरण के लिए खतरनाक है। ऐसे में धीरे धीरे सूर्य की रौशनी का इस्तेमाल कर दिनचर्या का काम करने का चलन शुरू हुआ है। सोलर एनर्जी का इस्तेमाल कर खाना बनाने की एक मशीन बुधवार को आसनसोल के ब्रेल अकादमी में लगाई गई। आसनसोल रामकृष्ण मिशन के स्वामी सौमात्मानंद जी महाराजने फीता काटकर इसका उद्घाटन किया सीएसआईआर दुर्गापुर के वैज्ञानिकों द्वारा इसकी इजाद की गई है। इसमें सोलर पैनल के सहारे सूरज की रौशनी को घरेलू काम के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस परियोजना से जुड़े सीएसआईआर के एक वैज्ञानिक पार्थसारथी पाल ने कहा कि यह एक ऐसी मशीन है जिसे एकबार लगाने से कम से कम दस सालों तक चलेगी। इसको लगाने की लागत 70 हजार रुपये के आसपास है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार की तरफ से कोई सबसिडी मिले तो इसकी लागत और कम हो सकती है। बुधवार इस नई मशीन के उद्घाटन के दौरान अड्डा के चेयरमैन सह रानीगंज के विधायक तापस बैनर्जी खास तौर पर उपस्थित थे। उन्होंने इस प्रयास की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रेल अकादमी जरुरतमंद बच्चों के लिए एक लंबे समय से काफी अच्छा काम करती आ रही है। मशीन के उद्घाटन के दौरान आने वाले दुर्गापूजा के मद्देनजर यहां के बच्चों में नये वस्त्र बांटे गए। कार्यक्रम के दौरान आसनसोल रामकृष्ण मिशन के महाराज सौमात्मानंद जी महाराज, अड्डा के चेयरमैन सह रानीगंज के विधायक तापस बैनर्जी, सीएसआईआर के मैनेजिंग डायरेक्टर हरीश राणा, वैज्ञानिक पार्थसारथी पाल सहित ब्रेल अकादमी के तमाम बच्चे और शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे।