नड्डा की टीम को संदेशखाली में प्रवेश से रोका..पुलिस से बहस! अग्निमित्र बैठी सड़क पर
संदेशखाली । संदेशखाली किस स्थिति में खड़ा है? आख़िर वहां क्या हो रहा था? महिलाएं और क्षेत्र के अन्य निवासी अचानक इस तरह विरोध प्रदर्शन करने को क्यों मजबूर हो गए हैं? इन सभी सवालों का जवाब ढूंढने के लिए बीजेपी की ‘फैक्ट फाइंडिंग टीम’ शुक्रवार को फिर संदेशखाली के लिए रवाना हुई। बीजेपी के छह सांसदों का एक दल आज सुबह कोलकाता से संदेशखाली के लिए रवाना हुआ। टीम में 5 महिलाएं हैं लेकिन, कथित तौर पर, धारा 144 लागू नहीं होने के बावजूद पुलिस ने उन्हें संदेशखाली में प्रवेश करने से रोक दिया जिसके आसपास उत्तर 24 परगना का ये इलाका एक बार फिर गर्म हो गया। बीजेपी के अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संदेशखाली की स्थिति को देखने के लिए छह बीजेपी सांसदों की एक टीम बनाई है। पार्टी में आसनसोल दक्षिण विधायक अग्निमित्रा पाल, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक और अन्य शामिल हैं। वहां सांसद ज्योतिर्मय सिंह महत भी है। दूसरी ओर, विपक्षी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के संदेशखाली अभियान की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने संदेशखाली में प्रवेश करने से पहले रामपुर के पास बैरिकेड लगा दिया। जब बीजेपी प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा तो उन्हें पुलिस की बाधाओं का सामना करना पड़ा तभी मौखिक विवाद शुरू हो गया। पुलिस के सामने ही बीजेपी की महिला सांसद रानांग देही की मूर्ति ले गईं जिसके प्रारम्भ में अग्निमित्र स्वयं थे। बीजेपी ने आरोप लगाया कि उन्होंने बताया था कि उनके 5 प्रतिनिधि संदेशखाली जाएंगे। धारा 144 का उल्लंघन नहीं किया जायेगा कथित तौर पर उसे भी पुलिस से इजाजत नहीं मिली। पुलिस की रुकावट को देखते हुए अग्निमित्रों ने रामपुर के पास सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति और अधिक गरम होने के डर से स्थानीय प्रशासन ने कई महिला पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल पर तैनात कर दिया भाजपा नेताओं ने भी उनसे नोकझोंक की बीजेपी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और कार्यकर्ता-समर्थक रामपुर में बैठकर सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पुलिस से नोकझोंक शुरू हो गई। दूसरी ओर, भाजपा नेता और विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आज भी संदेशखाली जाने की इच्छा रखते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।