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आत्मनिर्भर महिला समूह से कई लाख रुपये के गबन के आरोप में आईसीडीएस की प्रमुख दंपति गिरफ्तार

सालानपुर । सालानपुर थाना पुलिस ने रूपनारायणपुर पंचायत के पिठाकेयारी निवासी आईसीडीएस की प्रमुख झुमूर चटर्जी और उसके पति को आत्मनिर्भर महिला समूह से कई लाख रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि वह उनकी बेटी की भी तलाश कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों अब न्यायिक हिरासत में हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सालनपुर ब्लॉक में कई महिला स्वयं सहायता समूहों ने एक साथ मिलकर खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ समूह बनाए थे। देंदुआ ग्राम पंचायत के बांसकेटिया इलाके के आईसीडीएस कर्मी झुमुर चैटर्जी इन समूहों की प्रमुख थी। वह पिठाकेयारी की रहने वाली है। वह प्रतापपुर आदिवासी क्षेत्र में कई स्वयं सहायता समूहों के समूह प्रेरणा उपसंघ की नेता थी। वह नियमानुसार वर्ष 2018 से इन आत्मनिर्भर समूहों की महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनने के लिए रूपनारायणपुर स्टेट बैंक से विभिन्न समूहों के नाम पर ऋण लिया है, जिनमें अन्नपूर्णा, नयासागेन, सिद्धू कानू, फोगल, तारास आदिवासी प्रतापपुर और मार्शल, ये सात स्वदेशी महिला समूह, 2018 से बैंक ऋण के साथ विभिन्न व्यवसाय चला रहे हैं। झुमुर चैटर्जी प्रतापपुर आदिवासी क्षेत्र में कई स्वयं सहायता समूहों के समूह प्रेरणा उपसंघ की नेता भी थी। इन आदिवासी महिला समूहों की शिकायत है कि जो मासिक ऋण राशि वे जमा करते थे। वह बैंक में जमा नहीं होती थी। लगभग सभी समूहों के पास एक साथ 9 लाख रुपये से अधिक है। उन्हें इस बात का पता तब चला जब उन्हें बैंक से बुलावा आया। वे अशिक्षित महिलाएं अक्सर बैंक नहीं जाती थी। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि वह झुमुर चटर्जी को ऋण की मासिक किश्त का भुगतान करती थी। लेकिन पैसा दिन-ब-दिन बैंक में जमा नहीं होता था। यह स्थिति वर्ष 2018 से चल रही है। आखिरकार बैंक का कर्ज का बोझ बढ़कर करीब 16 लाख हो गया। इस बीच बैंक ने बैंक में पैसा जमा नहीं करने पर समूह के सभी सदस्यों के खातों से पैसे काटने शुरू कर दिए। इसके बाद सभी ने अपनी नेता झुमुर चटर्जी से बात की। उसने झुमूर को पैसे देने के लिए कहा लेकिन झुमूर तरह-तरह के बहाने दिखाकर हर बात टालती रही। उन्होंने अपनी बेटी की शादी का बहाना बनाया। अंतत: उस समूह की महिलाएं बेबस हो गईं और उन्होंने सारी घटना सालनपुर पंचायत समिति के अध्यक्ष फाल्गुनी कर्मकार घासी को बताई। इस संबंध में फाल्गुनी घासी ने कहा कि उन्होंने और बीडीओ ने झुमूर को फोन कर बैंक में पैसे जमा करने की सलाह दी। लेकिन झुमूर बहाना बनाती रही और जिद्दी रवैया दिखाती रही और मामले में शामिल होने के आरोप को नकारती रही। अंतत: ब्लॉक प्रशासन की सलाह पर गांव की महिलाओं ने मामले की जानकारी लोक अदालत को दी। लोक अदालत ब्लॉक कार्यालय में आया और स्वयं सहायता समूहों और प्रशासन के अधिकारियों के बारे में झुमुर चटर्जी के साथ चर्चा की । लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला। आखिरकार स्वयंभर गेष्टी के 40 सदस्यों ने जिले के आदिवासी प्रकोष्ठ में झुमूर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उप जनजाति प्रकोष्ठ की सिफारिश पर झुमुर के खिलाफ सालानपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी। इसके बाद झुमुर चटर्जी और उनके पति शेखर को एसीपी उमर अली के नेतृत्व में गिरफ्तार किया। पुलिस उनकी बेटी की भी तलाश कर रही है क्योंकि शिकायत में उसकी बेटी का नाम भी है। इस संबंध में सालानपुर पंचायत समिति की अध्यक्ष फाल्गुनी कर्मकार घासी ने कहा कि उन्होंने इस मसले को आसानी से सुलझाने का भरसक प्रयास किया। उन्होंने पहल की ताकि बैंक को उसका बकाया मिल सके। लेकिन झुमूर के व्यवहार के कारण यह संभव नहीं हो सका, इसलिए 26 सितंबर को उन्होंने प्रखंड के सीडीपीओ के साथ बैठक की। यह निर्णय लिया गया है कि चूंकि झुमूर को वित्तीय गबन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, इसलिए उसे अब एक आईसीडीएस कार्यकर्ता के रूप में उसका उचित भत्ता नहीं मिलेगा और बांसकेटिया आईसीडीएस केंद्र में उनके अतिरिक्त किसी और को जिमेदारी दी जाएगी।

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