श्रीश्री फलहरिणी कालिका पूजा का आयोजन 3 से
आसनसोल । आसनसोल मां घाघर बुड़ी मंदिर परिसर स्थित काली पहाड़ी धर्मचक्र सेवा समिति की ओर से प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष श्रीश्री फलहरिणी कालिका पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस साल इस पूजा का आयोजन 5 जून को होगा इसे लेकर काली पहाड़ी धर्मचक्र सेवा समिति की तरफ से शनिवार पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर काली पहाड़ी धर्मचक्र सेवा समिति के अध्यक्ष रूपेश साव ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी मन फलहारीणी कालिका पूजा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1987 से इस पूजा की शुरुआत हुई थी और यह साल इस पूजा का 38वां साल है। 5 जून को इस पूजा का आयोजन किया जाएगा। लेकिन विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आरंभ है 3 जून से ही होगा। 3 जून को अष्टजाम होगा। 4 जून को सुबह 5:30 से बुधा पी एंड टी मैदान से महिषीला कॉलोनी के रास्ते जीटी रोड होते हुए मां घाघर बूढ़ी मंदिर परिसर तक एक शोभायात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि क्योंकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे इसे देखते हुए उनकी कोशिश रहेगी कि यह शोभायात्रा सुबह 9:30 बजे तक समाप्त की जा सके। उन्होंने बताया कि 5 जून को श्री श्री मां फलहारिणी कालिका पुजा का आयोजन किया जाएगा। 5 जून की सुबह 10 कन्याओं को लेकर कुमारी पूजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर नौ कन्याओं को लेकर पूजा की जाती है। लेकिन यहां पर मां घाघर बुड़ी को मिलाकर 10 कन्याओं की पूजा की जाती है। दसों कन्याओं को मनमोहक ढंग से सजाया जाता है उनको विभिन्न प्रकार के उपहार दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कोशिश रहेगी की 7:30 से पूजा प्रारंभ कर दिया जा सके ताकि 9:00 तक खिचड़ी भोग का वितरण शुरू हो सके। बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इसलिए उनकी कोशिश रहेगी की 9:00 तक खिचड़ी भोग का वितरण शुरू हो सके। इसके साथ ही अगले दिन यानी 6 तारीख को यज्ञ के साथ इस पूरे धार्मिक अनुष्ठान की पूर्णाहुती होगी। मौके पर काली पहाड़ी धर्मचक्र सेवा समिति के संस्थापक राधा गोविंद सिंह, मुख्य सलाहकार हरि दास गोराई, श्यामलाल बोधवानी, सचिव डॉ. दीपक मुखर्जी, उपाध्यक्ष राधे श्याम सिंह, सहायक सचिव जितेंद्र केवट, अजय सिंह, कोषाध्यक्ष विकास सिंह, सहायक कोषाध्यक्ष मदन ठाकुर, कन्वेनर नयन राय, लालटू पांडेय, कार्यकारणी कमेटी सदस्य तपन सिंह, प्रमोद सिंह, बिनंदा मंडल, उपेंद्र केवट, राहुल सिंह, सौमित्र हाजरा मुख्य रूप से उपस्थित थे।