कवि दत्ता को बनाया गया एडीडीए के चेयरमैन
आसनसोल । आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण का चेयरमैन दुर्गापुर के व्यवसायी एवं एडीडीए के वाइस चेयरमैन कवि दत्ता को नियुक्त किया गया है। संभवत: ऐसा पहली बार है कि किसी गैर राजनीतिक व्यक्ति को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। कवि दत्ता को चेयरमैन बनाये जाने से शिल्पांचल के व्यवापारियों में खुशी की लहर है। गौरतलब है कि रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी एडीडीए के चेयरमैन थे। कवि दत्ता आसनसोल दुर्गापुर के बड़े कारोबारी हैं। उनके होटल से लेकर कई अन्य बिजनेस हैं। लेकिन रानीगंज विधायक को पद से क्यों हटाया गया, इसकी वजह तलाशते हुए स्थानीय राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की अटकलें शुरू हो गयी हैं। आसनसोल में लोकसभा चुनाव में तृणमूल की जीत। तृणमूल उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी उम्मीदवार अहलूवालिया को हराकर बड़े अंतर से जीत हासिल की। यहां तक कि, तापस के निर्वाचन क्षेत्र रानीगंज में भी तृणमूल ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उसके बाद भी तापस को उनके पद से क्यों हटाया गया? उनके स्पष्टीकरण की तलाश में, कई लोग सोचते हैं कि हालांकि तापस को रानीगंज विधानसभा में अच्छे परिणाम मिले, लेकिन आसनसोल उत्तर और आसनसोल दक्षिण विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस को अच्छे परिणाम नहीं मिले। शायद इसीलिए आसनसोल-दुर्गापुर विकास परिषद के प्रभारी तापस से तृणमूल का शीर्ष नेतृत्व नाराज है।
आसनसोल के राजनीतिक गलियारों में फिर यह खबर फैल गई है कि आसनसोल उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कम अंतर से जीत हासिल करने पर तृणमूल नेता ममता बनर्जी ने विधायक मलय घटक को फटकार लगाई है। ऐसे में तापस को हटाने के फैसले को लेकर आसनसोल के राजनीतिक हलकों में एक ही सवाल बार-बार आ रहा है। यानी ‘कौन किससे नाराज है?’
इस बारे में जब तृणमूल पश्चिम बर्दवान जिला अध्यक्ष नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”मुझे ऐसे किसी सर्कुलर की जानकारी नहीं है। मैं थोडा बीमार हूं। मैं देख रहा हूँ।” दूसरी ओर, भाजपा के पश्चिम बर्दवान जिले के अध्यक्ष बप्पा चट्टोपाध्याय ने कहा, ”तृणमूल में ईमानदार लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने अपने ही विधानसभा से लड़कर हमें यानी बीजेपी को रानीगंज विधानसभा से 4000 से ज्यादा वोटों से हराया। उसे उसका इनाम मिल गया। दरअसल, दुर्गापुर नगर पालिका वोट आगे है। शायद इसीलिए बिजनेसमैन कवि दत्त को चेयरमैन बनाया गया।