भले ही लाभ हानि जीवन, मरण ईश्वर के हाथ हो लेकिन हानि के बाद हम हार मानकर बैठें नहीं – सुरेन जालान
आसनसोल । आसनसोल क्लब लिमिटेड चुनाव परिणाम के बाद बहुतों ने विभिन्न प्रकार से अपनी प्रतिक्रिया दी। वहीं आसनसोल के विशिष्ट व्यवसायी सुरेन जालान ने अपनी प्रतियां कुछ इस प्रकार से दी। उन्होंने कहा कि
हानि-लाभ, जीवन-मरण और यश-अपयश, ये सब विधाता के हाथ हैं॥
भले ही लाभ हानि जीवन, मरण ईश्वर के हाथ हो लेकिन हानि के बाद हम हार मानकर बैठें नहीं।
वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फ़तेह”
इसका मतलब है कि सब कुछ ईश्वर का है और अंत में विजय भी ईश्वर की ही होगी। इसका मतलब यह भी है कि खालसा भी परमेश्वर का है और विजय भी परमेश्वर की ही है। वाहेगुरु, सिखों द्वारा ईश्वर के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम नाम है। वाहेगुरु शब्द का मतलब है ‘अद्भुत भगवान’ या ‘अद्भुत शिक्षक’। सिखों का मानना है कि केवल एक ही ईश्वर है जिसने सब कुछ बनाया है।
जय जगन्नाथ तू जगन्नाथ की सुन जग तुम्हारा सुनेगा।