आसनसोल शहर में पार्किंग जोन के नाम पर निगम से पत्थर फेंकने की दूरी पर चल रहा है अवैध काम, शिकायत
आसनसोल । आम लोगों की शिकायत है कि पार्किंग को निगम से दूर रखने पर यह देखा जाता है कि यह निगम का पार्किंग जोन नहीं है। लेकिन शुल्क के नाम पर उन्हें पैसे देने पड़ते हैं। कोई रसीद या टोकन नहीं दिया जाता। पूरा मामला नगर निगम के एक पार्षद के ध्यान में भी लाया गया। आसनसोल नगर निगम के उपमेयर वसीमुल हक वर्तमान में पार्किंग जोन के मुद्दे को देखते हैं। इस संदर्भ में वसीमुल हक ने कहा कि आसनसोल में कुल 36 पार्किंग जोन हैं। कुछ समय पहले उन्होंने करीब 12 पार्किंग जोन का टेंडर किया था। इनमें से जिन 6 लोगों को 6 पार्किंग जोन की जिम्मेदारी मिली है, उन्होंने पैसे जमा कर पार्किंग जोन की जिम्मेदारी ले ली है। बाकी ने नहीं किया। हमें लगता है कि दर जितनी होनी चाहिए उससे अधिक हो सकती है। इसके लिए, मैं कुछ दिनों में फिर से अधिक पार्किंग जोन के लिए टेंडर करने जा रहा हूं। डिप्टी मेयर की इन बातों से एक बात तो साफ है कि अधिकांश पार्किंग जोन का आज तक टेंडर नहीं हुआ है। निगम के सामने उन पार्किंग जोन से बाहरी लोग शुल्क के नाम पर पैसे वसूल रहे हैं। ऐसा हो सकता है कि पैसा निगम में जमा न हो। हालांकि, डिप्टी मेयर ने कहा कि मेयर ने नयी कमेटी बनायी है। हालांकि, वह मानते हैं कि शहर के कुछ स्थानों पर निगम पार्किंग के नाम पर कुछ लोग पैसा वसूल रहे है। मेयर ने विभाग के जिम्मेदारों से सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने को भी कहा है। रिपोर्ट में यह भी बताने को कहा गया है कि इससे पहले पार्किंग जोन के लिए कितना पैसा खर्च किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि वामपंथी युग से ही पार्किंग जोन के साथ ऐसी घटनाएं होती रही हैं।
आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर और बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने कहा, ‘मेरे समय में स्थिति इतनी खराब नहीं थी। मेयर पद से हटने के बाद मैंने बार-बार कहा है कि दिसंबर 2020 से पार्किंग जोन को लेकर जिन लोगों ने लाखों रुपये जमा नहीं किये हैं, उनके नाम पर एफआईआर दर्ज करायी जायेगी। निगम ने आज तक एक भी मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी है। दण्ड की व्यवस्था न होने से अनैतिक कार्य तो होंगे ही। उन्होंने दावा किया कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। अगर कोई इसमें दोषी पाया जाता है तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए। निगम के कांग्रेस पार्षद गुलाम सरबर ने कहा, हमने इस पार्किंग जोन के बारे में बार-बार शिकायत की है। लेकिन कोई काम नहीं हो रहा है।
सीपीएम के जिला सचिव कमेटी सदस्य पार्थ मुखोपाध्याय ने कहा कि आसनसोल के डिप्टी मेयर जो कह रहे हैं और मुख्यमंत्री जो कह रही हैं, वह सिर्फ विरोधाभास है। मुख्यमंत्री स्वयं कह चुके हैं कि नगर पालिकाओं में बिना कट मनी के कोई काम नहीं होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आसनसोल के लोग जानते हैं कि पार्किंग जोन के नाम पर सड़क पर लगभग कब्जा कर लिया गया है और वे जहां भी पैसा मिलता है, पैसा वसूलते हैं। ऐसा हो सकता है कि निगम के मेयर या उनके अधिकारियों को इसकी जानकारी न हो? हर कोई सब कुछ जानता है। इतना कह रहे हैं कि सही जांच के बाद ही सब कुछ सामने आएगा। इसलिए सभी की मांग है कि आसनसोल में पार्किंग का असली चेहरा क्या है, इसे जानने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के आला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर जांच करायी जाये। तब उन्हें पता चलेगा कि पिछले कुछ सालों में पार्किंग जोन के नाम पर करोड़ों रुपये की बंदरबांट हुई है। जिसे निगम में जमा नहीं कराया गया है। राज्य सरकार अपने उचित हिस्से का पैसा पाने से वंचित हो गयी है।