लाइफलाइन हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग महिला की विभिन्न जटिल बीमारियों का हुआ सफल इलाज
“एक डॉक्टर ही होता जो रोगी को स्वस्थ करके मुस्कुराते हुए घर भेजता हैं”
जामुरिया । आसनसोल आपकार गार्डन की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला प्रतिभा घोष(75)को बीते 8 जुलाई को विभिन्न जटिल रोग जैसे हाई शुगर , यूरिन इंफेक्शन और सांस कष्ट को लेकर एनएच 19 स्थित डीवीसी मोड़ के पास लाइफ लाइन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। उन्हे डॉ. जे के भट्टाचार्य और डॉ. मुस्ताक के अंडर भर्ती कराया गया। बुजुर्ग महिला को वेंटीलेशन पर रखा गया। डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चालू किया गया। लगभग 3 दिनों के उपचार में बुजुर्ग महिला स्वस्थ्य हो गई है। संभवतः शुक्रवार यानी 12 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी जाएगी। इस संबंध में अस्पताल के डॉ. आजम का कहना है कि 8 तारीख को सीवियर रेस्पिरेटरी डिस्टेट लेकर पेशेंट को एडमिट किया गया और इसके साथ ही चेस्ट में इंफेक्शन जिसे एलआरटीआई कहते है, पेशाब में इंफेक्शन और हाई शुगर, जीसीएस स्कोर जो 8 से नीचे था। जिसके वजह से जल्दी ही पेशेंट को वेंटीलेशन में रखा गया। इसके बाद एक दिन बस ऐसा समझ लीजिए कि हम पेशेंट के साथ युद्ध करते रहे है। इसके बाद पेशेंट धीरे धीरे रिकवरी करता है। 24 घंटा से 36 घंटा के बाद हमने देखा कि पेशेंट में सेंसोरियम आया और जीपीएस 10 से ऊपर हुआ। धीरे धीरे कोशिश करके वेंटीलेशन मोड चेंज किया गया। उसके बाद टीपीएस दिया गया। दूसरे दिन दोपहर को चेस्ट एक्स – रे रीपीट करके ब्लड रिपोर्ट रीपीट कर के देखा गया और इन्हें हइप्लोपलस में रखा गया। ब्लड रिपोर्ट और एक्स – रे रिपोर्ट देखा गया जो बहुत हद तक ठीक है। अभी उन्हें फेस मास्क के द्वारा 4 लीटर पर ऑक्सीजन दिया जा रहा है। पेशेंट अभी अलर्ट और कॉन्सियस है। पहले से बहुत बेहतर है। पहले उन्हें राइस ट्यूब से खाना दिया जा रहा था। जिसे अभी हटाया गया है। अभी उन्हें खाना मुंह में दिया जाएगा। उसके बाद देखा जाएगा उन्हें कोई और समस्या होती है या नहीं। परिवार वाले उनसे मिलने आते है डॉक्टर से बात चित करते है। डॉक्टर का कहना है कि अगर वह ठीक से खा लेती है तो कल यानी शुक्रवार उन्हें छूटी दिया जाएगा । पेशेंट के जज्बे को भी सलाम है। इतनी उम्रदराज होने के बाद भी उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी। सीओपीडी जैसी बीमारी और वेंटीलेशन होने के बाद भी इतने कम समय में रिकवरी करना बहुत बड़ी बात है। ये डॉक्टर जे के भट्टाचार्य की सफलता है।