धमाके की आवाज, साजिश या तकनीकी खराबी… गोंडा ट्रेन हादसे की कई एंगल से होगी जांच
गोंडा । गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसा कोई साजिश थी या तकनीकी खराबी, इसकी हर एंगल से जांच की जाएगी। दोपहर लगभग ढाई बजे ट्रेन संख्या 15904 चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 2 लोगों की मृत्यु हो गई और 31 लोग घायल हुए हैं। शुरूआती जांच में ट्रेन के लोको पायलट ने बताया कि उसने एक धमाके की आवाज सुनी थी और तेज धमाके की आवाज सुनकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए। जिसके चलते ट्रेन की कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। गोंडा में हादसे की शिकार डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस चंडीगढ़ से असम के डिब्रूगढ़ जा रही थी। हादसा अयोध्या पास मनकापुर स्टेशन से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर हुआ है। पंजाब से असम जा रही ट्रेन में धमाके के बाद बेपटरी होने पर सवाल उठ रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रेन में कुल 22 डिब्बे थे। इनमें से 19 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। उन्होंने बताया कि एलएचबी कोच होने की वजह से जान-माल का नुकसान कम हुए है। ट्रेन के कोच एक दूसरे पर चढ़ने के बजाय पलट गए। हादसे में 2 लोगों की मौत हुई है और 31 लोग घायल हुए हैं। ट्रेन एक्सीडेंट में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये की राशि देने की घोषणा की गई है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस हादसे की कई एंगल से जांच की जाएगी। यह हादसा किसी तकनीकी खराबी के कारण हुआ या कोई साजिश हुई, इन सब एंगल से जांच की जाएंगी। हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटना के पीछे किसी आतंकी साजिश से इनकार किया है। हादसे की जांच के लिए एक एडिशनल इंक्वारी टीम गठित की गई है। वरिष्ठ अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, गोंडा में ट्रेन हादसे की कई एंगल से जांच की जाएगी। क्योंकि डिब्रुगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट ने धमाके की आवाज सुनी थी। रेलवे ने सीआरएस जांच के आदेश दे दिए हैं।