फॉस्बेक्की ने अपने गोद लिए हुए गांव में बांटी साड़ियां
आसनसोल । कहा जाता है कि बंगाल में 12 महीने में 13 तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। लेकिन दुर्गापूजा इन सभी त्योहारों से अलग है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें बंगाल का कण कण जैसे झुम उठता है। लोगों के मन में एक अजीब सी अंदरूनी खुशी देखी जाती है। लेकिन इस मौसम में भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनके नसीब में त्योहारों में भी कोई खुशी नहीं मिलती है। इनकी जिंदगियां त्योहार में भी सुनी रहती हैं। ऐसे लोगों की जिंदगी में थोड़ी सी खुशी का रंग भरने के लिए दक्षिण बंगाल के व्यवसायी संगठन फॉस्बेक्की की तरफ से एक पहल की गई। हाल ही में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आग्रह का मान रखते हुए फॉस्बेक्की ने टीलाबांध गांव को गोद लिया था। फॉस्बेक्की ने इस गांव को सिर्फ गोद ही नहीं लिया। इस गांव को संतान जैसा समझा भी और हर माता पिता की चाहत होती है कि वह दुर्गापूजा के दौरान अपने बच्चों को नये वस्त्र दे। फॉस्बेक्की ने भी अपने गोद लिए हुए गांव टीलाबांध के लोगों के लिए भी कुछ ऐसा ही सोचा। इसी सोच के मद्देनजर शुक्रवार को फॉस्बेक्की की तरफ से टीलाबांध की 200 महिलाओं को साड़ियां दी गईं। इस मौके पर आईएनटीटीयूसी के जिला अध्यक्ष अभिजित घटक, तृणमूल नॉर्थ ब्लॉक 1 के अध्यक्ष गुरुदास चैटर्जी, पूर्व पार्षद श्रावणी मंडल, फॉस्बेक्की के अध्यक्ष आर पी खेतान, महासचिव सचिन राय, विनोद गुप्ता, पवन गुटगुटिया आदि उपस्थित थे। इतना ही नहीं फॉस्बेक्की की तरफ से एक और महत्वपूर्ण घोषणा की गई। समझा जा रहा है कि दुर्गापूजा के बाद बीते दो सालों से बंद स्कुल खुल सकतें हैं। ऐसे में फॉस्बेक्की की तरफ से ऐलान किया गया कि दुर्गापूजा के बाद इस क्षेत्र के बच्चों को स्कूल यूनिफार्म दिया जाएगा।