संविधान से फायदा होता है तो वे संविधान की बात करते हैं एवं यदि संविधान से फायदा न हो तो अपने धर्म के माध्यम से देश के संविधान के प्रति नाकारात्मक मांग करते हैं – सुरेन जालान
भारत को इसकी पहल करनी होगी
आसनसोल । श्रीमद्भगवत गीता के प्रथम अध्याय में कहा गया है। रणभूमि में दोनों तरफ से लड़ाई शुरू होने वाली थी। उस समय अर्जुन ने रथ को दोनों सेनाओं के बीच में ले जाकर खड़े करने का आदेश दिया। उनके मन में यह देखने की इच्छा थी कि इस व्यापारी युद्ध में कौन-कौन किस तरह किन किन का साथ दे रहे हैं। यह देखने के पश्चात अर्जुन ने अपने कुटुंबियों के विरुद्ध युद्ध न करने का फैसला लिया परन्तु भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को समझाया। अर्जुन यह मोहरूपी युद्ध नहीं है। यह उस ओर से आतातायियों का युद्ध है। तब जाकर अर्जुन ने युद्ध करने की ठान ली। भारत का संविधान लिखते समय हमारे भीमराव अंबेडकर जी एवं कुछ आजादी की लड़ाई लड़ने वालों ने कभी यह कल्पना नहीं की थी कि इस संविधान का दुरुपयोग किस तरह से होगा। उक्त बाते आसनसोल के व्यवसायी सुरेन जालान ने कही। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा यदि संविधान से फायदा होता है तो वे संविधान की बात करते हैं एवं यही वे लोग हैं जिन्हें यदि संविधान से फायदा न हो तो अपने धर्म के माध्यम से देश के संविधान के प्रति नाकारात्मक मांग करके एवं अपनी धर्म के हिसाब से देश को आग के हवाले कर देते हैं। आज के युग में पूरा विश्व अपने संविधान के माध्यम द्वारा नहीं बल्कि अपने धर्म एवं व्यापारिक, राजनीतिक लाभ के लिए संविधान का सहारा लेते हैं। जरूरत है हमारे श्री कृष्ण भगवान जी के दिये गये उपदेश का जिसके द्वारा रणभूमि में अर्जुन का मोह भंग हुआ था। देश की आजादी के लिए एवं देश के विकास के लिए आतातायियों से बचने के लिए यदि देशहित में संविधान द्वारा कोई भी कदम उठाना पड़े तो देशहित के लिए कभी भी पीछे न हटे। यही हमारा संविधान का उद्देश्य है एवं गीता का उपदेश भी है। ज्यादातर लोगों द्वारा विश्व में वोट बैंक की राजनीति की जा रही है एवं वहां के कानून एवं अपने धर्म के हिसाब से वे लड़ाई लड़ रहे हैं। यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है मानव एवं मानवता के लिए एवं सर्वप्रथम इसके सुधार के लिए पहल हमारे भारतवर्ष को ही करना होगा।