आसनसोल । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिन शिक्षकों की नौकरी रद्द हो गई थी। उनमें से योग्य शिक्षकों द्वारा शुक्रवार आसनसोल के ट्रैफिक मोड़ से एक रैली निकाली गई। योग्य शिक्षक शिक्षिका अधिकार मंच के बैनर तले निकली यह रैली ट्रैफिक मोड़ से शुरू होकर जीटी रोड होते हुए बीएनआर स्थित रवींद्र भवन के सामने समाप्त हुई। मौके पर जिले के तमाम ऐसे योग्य शिक्षक थे जिनकी नौकरियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से रद्द हो गई है। मौके पर शिक्षकों ने कहा कि बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है। उससे वे लोग बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। इनका कहना है कि भ्रष्टाचार सरकार द्वारा किया गया एसएससी के अधिकारी इसमें जुड़े हुए हैं। लेकिन सजा शिक्षकों को मिल रही है। उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्टाचार सरकारी स्तर पर हुआ है तो उनकी नौकरियां क्यों रद्द की जा रही है। वहीं फिर से परीक्षा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह लोग फिर से परीक्षा नहीं देंगे। उनका कहना है कि जिस ओएमआर शीट में उनके नंबर रिकॉर्ड है। उससे ही पता चल सकता है कि कौन योग्य है और कौन अयोग्य। अगर किसी को 55 में से 47 नंबर मिला है तो वह अयोग्य कैसे हो सकता है और इस ओएमआर सीट को देखकर ही कुछ शिक्षकों को अयोग्य करार दिया गया तो उनका सवाल यह है कि किस बिनाह पर कुछ शिक्षकों को अयोग्य करार दिया गया। जिस आधार पर कुछ शिक्षकों को अयोग्य करार दिया जा सकता था उसी आधार पर उन्हें योग्य करार देकर उनकी नौकरियां क्यों नहीं बहाल की जा रही है। उन्होंने साफ कहा कि अब उनको सरकार पर भरोसा नहीं है। इसलिए वह स्कूल तो जरूर जाएंगे लेकिन उनका आंदोलन और अदालत में केस दोनों साथ-साथ चलेंगे। इनका साफ कहना था कि वह फिर से परीक्षा नहीं देंगे और उन्होंने पैनल को फिर से बनाने की मांग की। उन्होंने बताया कि जिस आधार पर कुछ शिक्षकों को टेंटेड बताया गया है। इस आधार पर बाकी शिक्षकों को अनटेंडेड बताना होगा और उन्हें पुनरबहाल करना होगा। दूसरी तरफ उन्होंने शिक्षा कर्मियों को लेकर भी अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि एक स्कूल चलाने के लिए सिर्फ शिक्षकों की नहीं बल्कि शिक्षा कर्मियों की भी जरूरत होती है। ऐसे में जो शिक्षाकर्मी योग्य बताए जा रहे हैं उनकी नौकरी भी रद्द नहीं की जा सकती।