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दुर्घटना में श्रमिक की मौत, मुआवजा की मांग पर प्रबंधक और टीएमसी नेताओं की बीच ही बैठक

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रानीगंज । रविवार की रात रानीगंज के बालाजी कारखाना में ही दुर्घटना में श्रमिक की मौत हो गई। घटना के बाद कारखाने के अन्य श्रमिकों ने कारखाना प्रबंधन और पुलिस के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। घटना के बारे में स्थानीय निवासी सूरज ने बताया कि रविवार रात में ही दुर्घटना हुई। लेकिन उसके बाद जिस जगह पर दुर्घटना हुई और विकास कुमार की मौत हो गई। उस जगह पर कोई निशान तक नहीं छोड़ा गया है। पुलिस ने शव को ऐसे उठाया कि वहां पर कोई निशान तक नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर कोई दुर्घटना होती है तो पुलिस वहां पर मार्किंग करती है। लेकिन इस मामले में पुलिस ने मार्किंग तक करने की जरूरत नहीं समझी। वहीं जब पुलिस से सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की जा रही है तो पुलिस सीसीटीवी फुटेज भी नहीं दिखा रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें सही तरीके से नहीं पता लेकिन यह घटना रविवार रात 8 बजे के आसपास हुई होगी। उन्हें 9 बजे इस बात की सूचना मिली। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की तरफ से भी यहां पर कोई नहीं है और उल्टा वह श्रमिकों को बोल रहे हैं कि वह कारखाना में उत्पादन बंद क्यों कर रहे हैं। सूरज ने कहा कि किसी श्रमिक की जिंदगी से ज्यादा कीमती उत्पादन नहीं है। लेकिन यहां पर न तो कारखाना प्रबंधन न पुलिस प्रशासन इस मुद्दे पर सहानुभूति से विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति की मौत हुई है। वह फरवरी से यहां पर काम करता था। वहीं घटना के बाद पश्चिम बर्दवान जिला के आईएनटीटीयूसी अध्यक्ष अभिजीत घटक घटना स्थल पर पहुंचे। अभिजीत घटक, रानीगंज टाउन टीएमसी अध्यक्ष रूपेश यादव, रानीगंज पंजाबी मोड चौकी प्रभारी करतार सिंह और जय बालाजी कारखाना के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित परिवार के लिए 30 लाख का मुआवजा मांगा गया है। इस पर अभी चर्चा जारी है।इस बारे में अभिजीत घटक ने कहा कि इस औद्योगिक क्षेत्र में लगातार इस तरह की दुर्घटनाएं होती रहती है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की दुर्घटनाएं हुई है और उनके संगठन की तरफ से कारखाना मलिक से श्रमिकों के सुरक्षा का सुनिश्चित करने के लिए बार-बार कहा गया है। लेकिन देखा जा रहा है की वास्तविकता में कुछ भी नहीं हो रहा है और श्रमिकों के इस तरह से मौत हो रही है। उन्होंने आशा जताई के परिवार की तरफ से जो जायज मांग रखी गई है। उसे कारखाना प्रबंधन की तरफ से स्वीकार किया जाएगा। वहीं रूपेश यादव ने भी ऐसा दुर्घटना के लिए कारखाना प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा कारखाना है। लेकिन यहां पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई व्यवस्था नहीं ली जाती है। यहां पर लाइट का भी पर्याप्त इंतजाम नहीं है जिस वजह से अक्सर इस तरह के दुर्घटना होते रहते हैं। उन्होंने कहा कि विकास नमक जिस युवक की मौत हुई है। वह न सिर्फ यहां पर श्रमिक के तौर पर काम करता था। बल्कि वह एक का प्रतिभावान क्रिकेटर भी था। लेकिन प्रबंधन के लापरवाही और सुरक्षा के प्रति अवहेलना की वजह से हमने एक प्रतिभावान युवक को खो दिया और परिवार में अपने सबसे बड़े आश्रय को खो दिया। वहीं पिंटू झा नामक एक व्यक्ति ने बताया कि वह विकास के बड़े भाई जैसे हैं। विकास एक बहुत ही अच्छा युवक था। अपने परिवार के लिए यहां पर काम कर रहा था।दुर्घटना में श्रमिक की मौत, मुआवजा की मांग पर प्रबंधक और टीएमसी नेताओं की बीच ही बैठक हुई।

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