Shilpanchal Today

Latest News in Hindi

गरीबों के लिए बनाए गए मकान, आरोप निगम कर्मियों ने ही खरीदा

निगम के इंजीनियर भी खरीददारों की सूची में

दुर्गापुर । यह तो केंचुआ खोदने के लिए सांप निकलने जैसा बात हो गई। नगर निगम के वार्ड नंबर 23, नवीन पल्ली के झुग्गी-झोपड़ी निवासियों के लिए एक केंद्रीय परियोजना के तहत बनाए गए आवास को बाहरी लोगों को बेचने और किराए पर देने का आरोप सत्ताधारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं पर लगा है। नगर निगम के संबंधित विभागों के अधिकारियों ने जब बाहरी लोगों को खोजने की कोशिश की तो वे हैरान रह गए। आरोप है कि कई नगर निगम कर्मियों और इंजीनियरों ने आवास खरीदे हैं। इसके अलावा एक जनप्रतिनिधि ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर आवास को अपने कुछ परिचितों को दिलवा दिया था। घटना के प्रकाश में आने के बाद नगर निगम के अधिकारी सकते में हैं। अवैध रूप से आवास खरीदने वाले कई लोग अब उनके पास आना भी नहीं चाहते। शिकायत यह है कि नगर निगम के संबंधित विभाग के पिछले अधिकारी के समय में अवैध रूप से आवास बेचे गए थे। इसे खरीदने वालों में से किसी को भी नगर निगम से अभी तक आवंटन पत्र नहीं मिला है। विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, “इसमें कई अनियमितताएं हुई हैं। आवास के वास्तविक लाभार्थियों की संख्या दो सौ से अधिक है। वैध लोगों को ही आवंटन पत्र मिलेगा। अवैध रूप से कब्जा करने, किराए पर लेने या आवास खरीदने वालों की जिम्मेदारी नगर निगम नहीं लेगी।” सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं की मदद से उस समय इन आवास इकाइयों को खरीदने वाले नगर निगम कर्मी इस बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहते। उनका एक ही कहना है- अगर अब आवास इकाइयां नहीं मिलीं तो मैं समझूंगा कि मुझे दोबारा पैसा नहीं मिलेगा। केंद्र सरकार की बीएसयूपी परियोजना ने नगर निगम क्षेत्रों के झुग्गीवासियों के लिए सस्ते आवास उपलब्ध कराए हैं। वितरण की जिम्मेदारी नगर निगम की थी। नवीन पल्ली में 400 से अधिक मकान बनाए गए, जिनकी कीमत 36 हजार रुपया तय की गई थी। पैसा एकमुश्त या किस्तों में देने की बात कही गई थी। अधिकांश निवासी किस्त का पैसा जमा नहीं कर पाए। आरोप है कि सत्ताधारी दल के कुछ कार्यकर्ताओं व प्रतिनिधियों ने उनके मकान पर कब्जा कर लिया और उन्हें बाहरी लोगों को बेच दिया या किराए पर दे दिया। यह मकान दुर्गापुर शहर के प्रवेश द्वारों में से एक डीवीसी मोड़ के पास स्थित है। इसलिए नगर निगम के कुछ कार्यकर्ताओं व इंजीनियरों ने अवैध रूप से मकान पर कब्जा कर लिया। कुछ बाहरी लोगों के नाम भी सूची में हैं। नगर पालिका द्वारा आवंटन पत्र जारी नहीं करने की बात सुनने के बाद अवैध रूप से मकान खरीदने वाले लोग परेशानी में हैं। गरीबों का आशियाना कैसे छिन गया? वार्ड नंबर 23 के पूर्व पार्षद देवव्रत साय कहते हैं, ‘यह सही है कि मकानों पर कब्जा हो गया है, लेकिन अगर वास्तविक लाभुक पैसा देकर मकान खरीदना चाहते हैं, तो इसका एक तरीका है। इसके अलावा अगर मकान लंबे समय से बेकार पड़ा है, तो उस पर भी कब्जा होने का खतरा है।’ एमएएमसी टाउनशिप में छोड़े गए आवास पर कब्जा हो गया है। अगर तय समय पर इसका वितरण हो जाता, तो इस पर कब्जा नहीं होता।

         This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.47.27.jpeg
This image has an empty alt attribute; its file name is WhatsApp-Image-2021-08-12-at-22.48.17.jpeg

 

 

 
 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *