30 सितंबर को आयोग ने ममता के निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के नियम तय किए
कोलकाता । कोविड की तीसरी लहर मेरी आंखों में पानी ला रही है। हालांकि, चुनाव आयोग ने राज्य के तीन केंद्रों पर उपचुनाव नहीं कराया। इस सप्ताह की शुरुआत में आयोग के अधिकारियों ने उपचुनाव पर राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी के साथ बैठक की थी। इसके बाद यह घोषणा की गई। कुछ पर्यवेक्षकों को लगा कि भाजपा अभी उपचुनाव नहीं चाहती है। वे ढाल के रूप में कोरोना को सामने रख रहे थे। इसके उलट तृणमूल तर्क दे रहे थे कि कोरोना में आठ चरणों में इतना बड़ा चुनाव हो चुका है, लेकिन उपचुनाव में बाधा कहां है! दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस के बीच आयोग ने तीन निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा की। हालांकि आयोग ने साफ कर दिया है कि उपचुनाव कोरोना नियमों के अनुसार सख्ती से कराना होगा। इस उपचुनाव में रिटर्निंग अधिकारी की अनुमति के अधीन रोड शो किया जा सकता है। इस कड़ी में बाइक/साइकिल के साथ जुलूस प्रतिबंधित है। रिटर्निंग ऑफिसर की अनुमति के अधीन स्ट्रीट कॉर्नर बैठकें आयोजित की जा सकती हैं। वीडियो प्रचार सीईओ की अनुमति से किया जा सकता है, लेकिन 50 से अधिक लोग नहीं हो सकते हैं। प्रत्येक केंद्र में प्रचार के लिए अधिकतम 20 स्टार का उपयोग किया जा सकता है। स्टार कैंपेन के लिए ज्यादा से ज्यादा 1000 लोगों को लामबंद किया जा सकता है। रिटर्निंग ऑफिसर की अनुमति से ही कार का उपयोग किया जाना चाहिए। मतदान में भाग लेने वालों को दो खुराक में टीका लगाया जाना चाहिए। 72 घंटे के लिए मौन अवधि दी गई है। उम्मीदवार के साथ अधिकतम दो वाहन रखे जा सकते हैं। मतगणना के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जा सकता है। चुनाव आयोग के एक बयान के मुताबिक, तीनों केंद्रों पर तीन अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। भबनीपुर के मामले में चुनावी जंग में तृणमूल की जीत हुई है। लेकिन चुनाव जीतने के कुछ ही दिनों के भीतर कृषि मंत्री शोभनदेव चटर्जी ने इस्तीफा दे दिया। तभी समझ में आया कि ममता बनर्जी इसी केंद्र से चुनाव लड़ने जा रही हैं। वहीं मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में चुनाव से ठीक पहले उम्मीदवारों की मौत हो गई। खरादहा, गोसाबा और दिनहाटा ने इन तीनों केंद्रों पर मतदान की घोषणा की। आयोग ने अभी यह नहीं बताया है कि शांतिपुर में चुनाव कब होंगे।